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वाराणसी

वाराणसी में 489 जर्जर भवन चिन्हित, नोटिस के बाद भी चुप्पी

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कोतवाली और दशाश्वमेध में सबसे ज्यादा खतरनाक भवन

BHU लैब से होगी खस्ताहाल इमारतों की जांच, सुरक्षित निकले तो बचेगा घर

वाराणसी में नगर निगम ने सात जोनों में 489 इमारतों को खतरनाक और जर्जर घोषित किया है। इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र की 30 इमारतें भी शामिल हैं, जिनका संबंध काशीराज परिवार और बीएचयू से बताया गया है। इन भवनों की स्थिति की जांच अब बीएचयू की लैब में करवाई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर इन्हें धराशायी किया जाएगा।

एलो जोन में 17 और कॉरिडोर के आसपास के 13 भवन पूरी तरह से जर्जर घोषित किए गए हैं। छह महीने पहले जारी नोटिस के बावजूद भवन मालिकों ने कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे नगर निगम अब मानसून से पहले सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।

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कोतवाली जोन में 268 और दशाश्वमेध जोन में 153 जर्जर इमारतें चिन्हित की गई हैं। वहीं सारनाथ जोन में सबसे कम 9 इमारतें जर्जर हैं जबकि वरुणापार जोन की सभी 12 इमारतें खतरनाक स्थिति में पाई गई हैं।

रामनगर क्षेत्र में काशीराज परिवार की ऐतिहासिक संपत्तियों—तपोवन स्थित निबंधन कार्यालय, मोहताज खाना, डाकघर, मोटरखाना और भारतीय शिशु मंदिर—को भी खतरनाक घोषित किया गया है।

नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी भवन मालिक को नोटिस पर आपत्ति है, तो वह बीएचयू की IIT लैब में भवन की तकनीकी जांच करवा सकता है। यदि भवन सुरक्षित पाया गया तो नोटिस रद्द कर दिया जाएगा। इसके लिए एक निर्धारित शुल्क भी देना होगा।

जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि सभी भवन मालिकों को जांच का विकल्प दिया गया है ताकि उचित निर्णय लिया जा सके।

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