वाराणसी
वाराणसी में देव दीपावली पर अद्भुत छटा, सद्गुरु रितेश्वर बोले- “भारत का पुराना गौरव लौट आया”
वाराणसी। देव दीपावली के महापर्व पर वाराणसी के 84 घाटों की भव्यता ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। गंगा तट पर लाखों दीयों की रोशनी ने ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। इस अद्वितीय आयोजन में दशाश्वमेध घाट पर हुई भव्य गंगा आरती ने विशेष आकर्षण बटोरा। गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित इस आरती में विशेष अतिथि के रूप में पहुंचे सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने इसे अद्वितीय अनुभव बताया।
आरती के बाद उन्होंने कहा “आज यह दृश्य देखकर ऐसा लगता है जैसे हम हजारों वर्ष पुराने भारत में लौट आए हैं। यह सनातन संस्कृति का गौरवशाली प्रतीक है।”सद्गुरु रितेश्वर ने आधुनिक समाज पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग अपनी जड़ों से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा “आज हम अपने बच्चों को गुड मॉर्निंग सिखाते हैं लेकिन शिव स्तुति और संस्कृति से जोड़ना भूल गए हैं। सनातन को पुनः जागृत करना समय की आवश्यकता है।
“गंगा किनारे लगभग दो घंटे बिताने के बाद सद्गुरु ने कहा “यह दृश्य न केवल अद्भुत है बल्कि यह भारत की प्राचीन संस्कृति और अध्यात्म के पुनर्जागरण का प्रतीक है। देव दीपावली का यह पर्व पूरी दुनिया को यह संदेश देता है कि सनातन संस्कृति की शक्ति अडिग है।
“सद्गुरु ने कहा, “यह कल्पना भी कठिन थी कि भारत में संस्कृति का यह पर्व इतने भव्य रूप में पुनः स्थापित होगा। लेकिन यह भी सच है कि हमारी आध्यात्मिक उन्नति के बिना यह संभव नहीं। जैसे-जैसे ज्ञान का प्रसार होगा, भारत नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।”