वाराणसी
वाराणसी में गंगा का जलस्तर स्थिर, बाढ़ की चपेट में हजारों लोग

वाराणसी। शहर में कई दिनों की लगातार बढ़ोत्तरी के बाद गंगा का जलस्तर मंगलवार को स्थिर हो गया है। बुधवार सुबह 8 बजे केंद्रीय जल आयोग ने गंगा का जलस्तर 72.22 मीटर रिकॉर्ड किया। हालांकि बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। शहर के कई वार्ड और ग्रामीण इलाके गंगा और वरूणा नदी की बाढ़ से प्रभावित हैं, जिससे हजारों लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
गंगा का उफान राजघाट, दशाश्वमेध, गोदौलिया, अस्सी और सामने घाट जैसे इलाकों को अपनी चपेट में ले चुका है। इन क्षेत्रों में घर और सड़कें पानी में डूब चुकी हैं। एक मंजिला तक घर जलमग्न हो गए हैं, जिसके कारण कई परिवारों को पलायन करना पड़ा है। जो लोग नहीं जा सके, वे छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
वरूणा नदी का जलस्तर भी गंगा के प्रभाव से बढ़ गया है। वरूणा तटवर्ती क्षेत्रों में हजारों घरों में पानी घुस गया है। लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी विकट है। गंगा का पानी खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद कर चुका है और कई गांवों में तबाही मची हुई है।
प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय है। आला अधिकारी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात की निगरानी कर रहे हैं। जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने वाराणसी पहुंचकर अधिकारियों के साथ मीटिंग की और बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण किया। राज्य सरकार भी हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है।
इस बीच पंचकोशी रोड स्थित लालपुर पांडेपुर क्षेत्र की रामेष्ट नगर कॉलोनी और वार्ड नंबर 18 की नई बस्ती में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। यहां डेढ़ दर्जन से अधिक परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं, जबकि कई लोग अब भी डूबे हुए घरों में फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अब तक प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं पहुंची है।
रघुनाथ सोनकर, मदन सरोज, पूजा विशाल, अशोक, रीना, उमेश, वंदना श्रीवास्तव, पंधारी और संजय जायसवाल ने बताया कि न पीने का पानी है, न भोजन, न दवा और न ही मोमबत्ती जैसी जरूरी चीजें। कॉलोनी में दवाओं का छिड़काव भी नहीं हुआ है और एनडीआरएफ की टीम अब तक नहीं पहुंच पाई है। लोगों ने प्रशासन से शीघ्र राहत पहुंचाने की अपील की है।