वाराणसी
वाराणसी डीआरएम कार्यालय से सीबीआई ने बरामद किए तीन फर्मों की फर्जी एफडीआर

लखनऊ मुख्यालय से चल रही जांच
वाराणसी। गतिशक्ति परियोजना से जुड़े ठेके में धांधली की सूचना पर सीबीआई की चार सदस्यीय टीम ने पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल के डीआरएम कार्यालय में घेराबंदी कर कड़ाई से छानबीन की और तीन फर्मों के फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट रसीदें (FDR) बरामद कीं। टीम ने इंजीनियरिंग और लेखा शाखा की कई फाइलों व दस्तावेजों की प्रतियां अपने साथ ले लीं तथा मामला अब लखनऊ मुख्यालय पर आगे की जांच हेतु भेजा गया है।
सूत्रों के अनुसार जौनपुर, लखनऊ और वाराणसी के ठेकेदारों के कागजों में असमान्यताएँ पाई गईं। जौनपुर की एक फर्म ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से नकली एफडीआर तैयार कराकर जमा कराए जाने का आरोप है। सीबीआई टीम ने डीआरएम कार्यालय में आठ घंटे तक दस्तावेजों की तह तक छानबीन की और दो साल पुराने टेंडर, फर्मों के पेपर तथा बैंक गारंटी से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले गए।
यह कार्रवाई इस साल जुलाई में हुई लखनऊ एंटी-करप्शन टीम की छानबीन के तीन माह के अंदर दूसरी बड़ी जांच है, जिससे डीआरएम कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी हैरान और संकुचित महसूस कर रहे हैं। सीबीआई की आगामी कार्रवाइयों और संभावित आपराधिक मामलों के दायर होने की प्रतीक्षा जारी है। रेल प्रशासन की अनुशासनात्मक प्रतिक्रिया तथा आगे की कानूनी कार्रवाई पर निगाहें बनी हुई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि यदि एफडीआर फर्जी साबित होते हैं तो ठेके रद्द करने, संबंधित अधिकारियों व फर्मों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने तथा भ्रष्टाचार निरोधक प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।