वाराणसी
वाराणसी : जनवरी में हजारों वीवीआईपी ने प्रोटोकॉल के तहत किया काशी विश्वनाथ के दर्शन, आमजन को देना पड़ा शुल्क
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नई व्यवस्था के तहत नए साल में 18 हजार 350 श्रद्धालुओं ने वीवीआईपी प्रोटोकॉल के तहत बाबा का दर्शन-पूजन किया। प्रतिदिन 500 से ज्यादा वीवीआईपी प्रोटोकॉल के तहत बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से निर्धारित 87 वीवीआईपी को छोड़कर प्रोटोकॉल दर्शन करने वालों को सुगम दर्शन शुल्क देना पड़ रहा है। बाबा विश्वनाथ के मंदिर में वीवीआईपी प्रोटोकॉल के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद मंदिर प्रशासन ने एक जनवरी से बदलाव किया था।
इसके तहत केंद्र के 44 और राज्य सरकार के 43 वीवीआईपी को छोड़कर बाकी सभी वीवीआईपी को प्रोटोकॉल के तहत दर्शन के लिए सुगम दर्शन शुल्क देना होता है। एक जनवरी से लेकर 31 जनवरी के बीच हर दिन 500 से ज्यादा वीवीआईपी ने प्रोटोकॉल के तहत बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया। शुल्क लगाने के बाद प्रोटोकॉल दर्शन में आधे से ज्यादा की कमी आई है। एक जनवरी से पहले प्रोटोकॉल में दर्शन करने वालों की संख्या कभी-कभी तो हजार से अधिक पहुंच जाती थी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी राहत की सांस ली है।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा ने बताया कि प्रोटोकॉल के दुरुपयोग की शिकायत के बाद मंदिर प्रशासन ने यह बदलाव किया था। मंदिर में दर्शन करने वाले वीवीआईपी की सूची निम्नलिखित हैं –
केंद्र सरकार- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, भूतपूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, भारतरत्न धारक, सुप्रीम कोर्ट के जज, मुख्य चुनाव आयुक्त, संघ के राज्यमंत्री, अटार्नी जनरल, कैबिनेट सचिव, उपराज्यपाल, सेना प्रमुख, मान्यता प्राप्त असाधारण दूत और पूर्व मंत्री, विधानमंडल के अध्यक्ष, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, लेफ्टिनेंट जनरल, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, उपसभापति राज्यसभा, डिप्टी सीएम, लोकसभा उपाध्यक्ष, जेल महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक, जिला व सत्र न्यायाधीश राज्य सरकार-राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, विधान परिषद के सभापति, विधानसभा अध्यक्ष, राज्यों के मंत्री, उपसभापति विधानपरिषद, एससी एसटी आयोग अध्यक्ष, संसद सदस्य, सेना कमांडर, भारत सरकार के सचिव, राष्ट्रपति के सचिव, मेजर जनरल, विश्वविद्यालय के कुलपति, राज्य सरकार के सचिव, कर्नल, महालेखाकार,न्यास परिषद अध्यक्ष, उपमंत्री, महापौर, जिला परिषद अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, संसद सदस्य, विधान परिषद व विधानसभा सदस्य, मुख्य सचिव, अध्यक्ष राजस्व परिषद, लेफ्टिनेंट जनरल, एडवोकेट जनरल, लोक सेवा आयोग अध्यक्ष, सदस्य राजस्व परिषद, अध्यक्ष लोकसेवा अधिकरण, कुलपति, राज्य सरकार के आयुक्त एवं सचिव, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त, मंडलायुक्त, लोक सेवा आयोग सदस्य, सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद इत्यादि शामिल रहें।