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वाराणसी

वाराणसी कैंट स्टेशन के छह प्लेटफार्मों पर कोच डिस्प्ले नदारद

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वाराणसी। कैंट रेलवे स्टेशन की सालाना कमाई 700 करोड़ रुपये से अधिक है और यह एनएसजी-1 कैटेगरी में शामिल है, लेकिन यात्रियों को अब भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, स्टेशन के छह बड़े प्लेटफार्मों (3-5, 6-7 और 10-11 नंबर) पर कोच डिस्प्ले सिस्टम न होने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।

यात्रियों का कहना है कि ट्रेन आने पर उन्हें अपने कोच तक पहुंचने के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। इस दौरान महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा कठिनाई होती है। कुछ यात्रियों का कहना था कि अगर समय पर कोच डिस्प्ले बोर्ड होता तो यात्रा कहीं अधिक आसान और सुरक्षित हो सकती थी।

बता दें कि, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना 112 जोड़ी ट्रेनें चलती हैं और लगभग एक लाख यात्री सफर करते हैं। यहां से दिल्ली, मुंबई, हावड़ा, पंजाब, जम्मू, बिहार और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। बावजूद इसके, कोच पोजीशन की सटीक जानकारी यात्रियों को नहीं मिलती।

स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता ने बताया कि इन प्लेटफार्मों पर कोच डिस्प्ले बोर्ड लगाने का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही इन प्लेटफार्मों पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

700 करोड़ से अधिक की आय के बावजूद कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को कोच डिस्प्ले जैसी आवश्यक सुविधा का न मिलना सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि रेल मंत्रालय इस समस्या के समाधान में कितनी तेजी दिखाता है।

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