वाराणसी
वाराणसी एटीएस ने एनएसयूआई नेता से तीन घंटे की पूछताछ, मोबाइल जब्त
महाकुंभ में लाइव वीडियो और पोस्ट बने कारण
वाराणसी। जैतपुरा के अमानतुल्लाह निवासी और एनएसयूआई (NSUI) नेता को वाराणसी एटीएस (ATS) टीम ने सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया। उन्हें अशोक विहार कॉलोनी स्थित एटीएस कार्यालय में उपस्थित होने का नोटिस दिया गया था। यह कार्रवाई प्रयागराज महाकुंभ में अगलगी की घटना के बाद संदिग्धों की जांच के तहत की गई।
महाकुंभ परिक्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की जांच करते हुए एटीएस ने कई लोगों को नोटिस भेजा है, जिनमें विभिन्न दलों के राजनेता, संदिग्ध अपराधी, हिस्ट्रीशीटर, और अन्य चिन्हित लोग शामिल हैं।
महाकुंभ में लाइव वीडियो और पोस्ट बने कारण
एनएसयूआई नेता ने मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज महाकुंभ परिक्षेत्र में स्नान किया था और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लाइव आकर वहां की जानकारी साझा की थी। उन्होंने स्नान से संबंधित फोटो भी पोस्ट किए थे। एटीएस को इस बात की जांच करनी थी कि दूसरे समुदाय से होने के बावजूद वह महाकुंभ में क्यों गए, किन-किन जगहों पर गए और किनसे मिले।
पूछताछ के दौरान एटीएस ने उनकी यात्रा की पूरी जानकारी मांगी। यह जानने की कोशिश की कि वे किस उद्देश्य से वहां गए थे। उनका मोबाइल फोन जब्त कर उसकी जांच शुरू कर दी।
नोटिस मिलने पर तुरंत पहुंचे एटीएस कार्यालय
एटीएस ने सोमवार को नोटिस जारी कर एनएसयूआई नेता को दिन में बुलाया। नोटिस मिलते ही वे तुरंत एटीएस कार्यालय पहुंचे। वहां उनसे करीब 3 घंटे तक पूछताछ की गई। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने 12 जनवरी से पहले महाकुंभ परिक्षेत्र का दौरा किया था और मकर संक्रांति पर स्नान किया था।
एटीएस ने शहर के अन्य संदिग्ध लोगों को भी नोटिस जारी किया है। प्रयागराज महाकुंभ में अगलगी की घटना के बाद एटीएस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। यह देखा जा रहा है कि इन घटनाओं में किसी बाहरी या संदिग्ध तत्व की भूमिका तो नहीं है।
एनएसयूआई नेता द्वारा महाकुंभ से किए गए लाइव वीडियो और पोस्ट में किसी भी संदिग्ध गतिविधि के संकेत नहीं मिले हैं। इसके बावजूद एटीएस इस बात की तहकीकात कर रही है कि उनके महाकुंभ जाने का वास्तविक उद्देश्य क्या था।