वाराणसी
लोक अदालत में कानून का ‘स्पीड ब्रेकर’ हटा, लाखों मामलों का फटाफट निस्तारण

वाराणसी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को न्यायिक और प्रशासनिक विभागों की तीव्र भागीदारी के साथ कुल 4,80,350 वादों का निस्तारण किया गया और करीब 24 करोड़ रुपये की वसूली दर्ज की गई। जिला जज जयप्रकाश तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ किया और कहा कि लोक अदालत से न्याय आम लोगों तक शीघ्र और किफायती तरीके से पहुँचता है, जिससे समय तथा धन दोनों की बचत होती है और सामाजिक शांति को बढ़ावा मिलता है।
जनपद न्यायालय वाराणसी ने 20,839 वादों का निस्तारण किया। दीवानी मामलों में 126 वाद निपटाए गए जबकि पारिवारिक मामलों में 50 वादों का निष्पादन हुआ। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति के 54 वादों में बीमा कंपनियों द्वारा पीड़ितों को करीब तीन करोड़ रुपये दिलाने के समझौते हुए। फौजदारी मामलों में 25,443 प्रकरणों में 19 लाख रुपये का अर्थदंड वसूल किया गया। बैंक और संचार से जुड़े 4,378 मामलों में समझौते के जरिये लगभग 8 करोड़ रुपये की वसूली सुनिश्चित हुई। प्रशासनिक और अन्य विभागों से जुड़े 4,39,511 वादों का भी निस्तारण किया गया। श्रम विभाग ने 15 वादों का निपटारा करते हुए लगभग एक करोड़ रुपये की वसूली का समझौता किया और 131 अन्य मामलों का निपटान भी साझा किया गया।
न्यायालय परिसर में हेल्प डेस्क लगाए गए थे ताकि आम नागरिकों को मार्गदर्शन और सुविधा मिल सके। कार्यक्रम के दौरान कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों तथा बाल संप्रेक्षण गृह, बालक बालगृह और आफ्टर केयर होम के निवासियों और बच्चों की कला की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आलोक कुमार ने सराहा। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय हरेंद्र बहादुर सिंह, पीठासीन अधिकारी एमएसीटी अश्विनी कुमार दुबे, अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार और राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी अनिल कुमार शुक्ल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
लोक अदालत के समावेशी स्वरूप और दावों के त्वरित निपटारे ने आम जनता के न्याय तक सहज पहुँच को पुनः उजागर किया है और न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता व त्वरित समाधान पर जोर देने का संदेश दिया है।