वाराणसी
लापता महिला का 15 दिन बाद भी नहीं मिला सुराग, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

गंगा पुल पर मिली चप्पलें, लेकिन पुलिस ने नहीं दिखायी सक्रियता
वाराणसी में 15 दिनों से लापता रीता देवी की खोज में भटक रहे उनके बच्चे अब जिला मुख्यालय पहुंच गए हैं। मां के अचानक गायब होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिता सदमे में हैं और बीमार पड़ चुके हैं, जबकि भाई-बहन दर-दर भटककर पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
राजातालाब तहसील में रहने वाली रीता देवी 22 फरवरी की सुबह घर से यह कहकर निकली थीं कि उन्हें कपड़ा सिलवाना है। जब काफी देर तक वापस नहीं लौटीं, तो उनके बेटे अग्रसेन और बेटी अंजलि ने उनकी तलाश शुरू की। दर्जी के पास भी वे नहीं पहुंची थीं।
गंगा पुल पर मिली चप्पलें, लेकिन पुलिस ने नहीं दिखाई सक्रियता
रात 10:30 बजे परिवार ने विश्वसुंदरी पुल के पास उनकी चप्पलें देखीं, जो उनकी आखिरी निशानी बन गईं। पुलिस को इसकी सूचना दी गई, लेकिन कार्रवाई में ढिलाई बरती गई। अगले दिन जल पुलिस और एनडीआरएफ ने गंगा नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन रीता देवी का कोई सुराग नहीं मिला।
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने में भी लापरवाही बरती। गोताखोरों को दोबारा खोजबीन के लिए नहीं भेजा गया, जिससे उनकी मां के जिंदा होने की उम्मीदें धुंधली पड़ती जा रही हैं।
बीएचयू की छात्राओं ने बढ़ाया मदद का हाथ
मां को खोजने में पुलिस से निराश हो चुके भाई-बहन को बीएचयू की तीन छात्राओं ने सहारा दिया। वे रीता देवी के परिवार को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचीं और पुलिस कमिश्नर के नाम ज्ञापन सौंपा, जिससे मामले में तेजी लाई जा सके।