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वाराणसी

लात से शुरू हुआ था विवाद, आदेश से हुई वापसी

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वाराणसी। बीएचयू के आईएमएस ट्रॉमा सेंटर में मई 2025 में हुए विवाद के बाद जिन रेजिडेंट डॉक्टरों को ड्यूटी से हटा दिया गया था, उन्हें दो महीने बाद फिर से ट्रॉमा सेंटर में तैनात कर दिया गया है। 31 जुलाई को इस संबंध में नया आदेश जारी किया गया, जिसमें आठ रेजिडेंट डॉक्टरों की पुनः नियुक्ति की पुष्टि की गई।

विवाद की शुरुआत 26 मई को हुई थी, जब सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एसपी मिश्रा ने मरीजों को देखने जाते समय कैंटीन के बाहर रखी कुर्सी को कथित रूप से लात मारकर हटाया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद कैंटीन कर्मचारी ने उनके खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई थी।

इस विवाद के बाद 30 मई को सर्जरी विभागाध्यक्ष द्वारा पहले आठ और फिर तीन रेजिडेंट डॉक्टरों को ट्रॉमा सेंटर से हटा दिया गया। हालांकि उसी दिन शाम को आईएमएस निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार ने सभी को काम पर लौटने की अपील भी जारी की थी, लेकिन विवाद की गंभीरता को देखते हुए मामले में तत्कालीन कुलपति और कुलसचिव कार्यालय ने हस्तक्षेप किया।

11 जून को कुलसचिव कार्यालय द्वारा आईएमएस निदेशक को पत्र भेजकर रेजिडेंट हटाने के फैसले पर आपत्ति जताई गई थी। इसके बावजूद, रेजिडेंट डॉक्टरों को दो महीने तक वापस नहीं बुलाया गया। अब प्रशासन द्वारा जारी नए आदेश के तहत उनकी ड्यूटी पुनः ट्रॉमा सेंटर में लगाई गई है।

इस घटनाक्रम से यह साफ जाहिर होता है कि अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच बेहतर संवाद और व्यवहार की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से बचा जा सके।

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