वाराणसी
लाउडस्पीकर मामले ने यूपी में भी पकड़ा तूल
रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
प्रयागराज। महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर पर अजान बनाम हनुमान चालीसा विवाद के बाद इस मामले ने यूपी में भी तूल पकड़ लिया। जगह-जगह विवाद,सहमति-असहमति के दौरान मामला हाईकोर्ट के पाले में पहुंचा तो हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि लाउडस्पीकर पर अजान मौलिक अधिकार नहीं है। हालांकि इससे पहले मस्जिदों व अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर लगाकर तेज आवाज में सुबह-शाम धार्मिक कृत्य ऐसे किया जा रहा था जैसे यह उनका मौलिक अधिकार है या धार्मिक होने के नाते कहीं भी लाउडस्पीकर लगाकर तेज आवाज में बजाना उनका अधिकार है। लेकिन महाराष्ट्र में मनसे नेता राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर पर अजान बंद न होने पर हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान करके इस विवाद को हवा दे दी। इसके बाद यह मामला देशभर में फैल गया। उत्तर प्रदेश में भी मामले ने जोर पकड़ लिया। इसके बाद धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकरों को हटाया जा रहा है। वहीं कुछ लाउडस्पीकरों की आवाज तय मानक के हिसाब से कम किए जा रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को उतारे जाने के फैसले पर हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर पर अजान मौलिक अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ ही बदायूं के एक मौलवी की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला ऐसे समय पर आया है जब यूपी में धार्मिक स्थलों पर से हजारों लाउडस्पीकरों को हटवाया जा चुका है। कई लाइडस्पीकर के आवाज कम करा दिये गये हैं। बदायू की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास की बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। इरफान ने अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत मांगते हुए उपजिलाधिकारी बिसोली को आवेदन दिया था। एसडीएम ने इसे खारिज कर दिया तो इरफान ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट से मांग की कि मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत देने के लिए प्रशासन और सरकार को निर्देश दिया जाय। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इरफान की याचिका खारिज कर दी।