गाजीपुर
रेजांगला युद्ध के शहीदों की अस्थि कलश परिजनों को समर्पित

नंदगंज (गाजीपुर)। रेजांगला पराक्रम यात्रा का नंदगंज तथा धनईपुर में भव्य स्वागत अभिनंदन यादव महासभा तथा जनमानस द्वारा किया गया। धनईपुर में अमर शहीद संजय की प्रतिमा को नमन करते हुए यात्रा के संयोजक कैप्टन रामचंद्र यादव ने कहा कि गाजीपुर अमर शहीदों तथा स्वतंत्रता सेनानियों की धरती है। मैं इस बात को गर्व के साथ कह सकता हूँ। आजादी की लड़ाई में इस जिले के हजारों सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राणों की अमूल्य कुर्बानी दी है। उन्होंने आगे कहा कि भारत-चीन के बीच 1962 के रेजांगला युद्ध में मारे गये शहीदों की अस्थि कलश को उनके परिवार को समर्पित करना मेरा परम सौभाग्य है।
कम्पोजिट विद्यालय धनईपुर में कार्यक्रम के आयोजक व सैनिक प्रकोष्ठ के जिला महासचिव सुरेंद्र यादव ने बताया कि रेजांगला 1962 का युद्ध चीन-भारत के बीच लड़ा गया था। उसमें पूरे भारतवर्ष से 13 कुमाऊं रेजिमेंट के कुल 120 जवान सैनिकों ने चीन की फौज के 2000 सैनिकों को मार गिराया था। लेकिन उस समय सैनिकों के पास हथियार तो थे लेकिन गोलियां नहीं थीं। फिर भी वे जंग से भागे नहीं बल्कि डटकर दुश्मनों का मुकाबला करते रहे।
उस युद्ध में कुल शहीदों में गाजीपुर के तीन शहीद जवानों की अस्थि कलश लेकर कैप्टन रामचंद्र यादव तथा फाउंडेशन के सदस्य भ्रमण करते हुए धनईपुर पहुंचे थे। उस युद्ध में बलिदानी धरती गाजीपुर के तीन शहीदों में जग सिंह पुत्र बलदेव सिंह भदीरा, बालू सिंह पुत्र शिवधारी जसदेवपुर मोहम्मदाबाद तथा विश्वनाथ यादव पुत्र रामजी यादव नगदीलपुर रेवतीपुर जमानियां में उनके परिवार के सदस्यों को मोमेंटो तथा अस्थि कलश देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर पूर्व सैनिक संगठन गाजीपुर के अध्यक्ष कैप्टन सुब्बा यादव तथा यादव महासभा गाजीपुर के सैनिक प्रकोष्ठ के जिला महासचिव फौजी सुरेंद्र यादव ने कहा कि हमारा संगठन सैनिकों के सुख-दुख के लिए सदा समर्पित है। हम पूरे पूर्वांचल में समाज सेवा का काम कर रहे हैं और सैनिकों के हित के लिए शासन-प्रशासन से लड़ाई लड़ रहे हैं। हम किसी भी शहीद, स्वतंत्रता सेनानी तथा सेवानिवृत्त सैनिकों के सम्मान में हाजिर रहते हैं। हम प्रत्येक शहीद के नाम पर सड़क, स्कूल तथा प्रवेश द्वार का नाम स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
यादव महासभा के सैनिक प्रकोष्ठ के जिला महासचिव सुरेंद्र यादव 1962 में रेजांगला शहीदों के कलश यात्रा का गाजीपुर पहुँचने पर अपने सैकड़ों साथियों सहित नंदगंज में स्वागत अभिनंदन करने तथा उनको रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की थी। यादव महासभा के गाजीपुर के अध्यक्ष सुजीत यादव ने स्वागत करते हुए कहा कि रेजांगला युद्ध 1962 के शहीदों की अस्थि कलश को उनके परिवार को समर्पित करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर उमाशंकर यादव, सूबेदार उमाशंकर यादव, विशेषी सिंह, कैप्टन अधिक यादव, कृष्ण कुमार सिंह, कैप्टन अम्बन राम, कल्याण सिंह यादव, हनुमान सूबेदार, मेजर सोबराती, विजय बहादुर यादव, शैलेंद्र राय, अभय नाथ यादव आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।