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गोरखपुर

रिटायर्ड पेंशनर से चार लाख की साइबर ठगी

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गोरखपुर। महानगर में साइबर ठगों का जाल लगातार फैलता जा रहा है। इस बार ठगों ने एक रिटायर्ड पेंशनर को अपना निशाना बनाया और उनसे लाइफ सर्टिफिकेट जीवन प्रमाण पत्र अपडेट कराने के नाम पर 4.14 लाख रुपये की बड़ी रकम की ठगी कर ली। यह घटना साइबर सुरक्षा को लेकर आम लोगों की सतर्कता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा करती है।

लाइफ सर्टिफिकेट के नाम पर आया कॉल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गोरखपुर के निवासी प्रवीण कुमार त्रिपाठी (काल्पनिक नामजो एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं और नियमित रूप से अपनी पेंशन प्राप्त करते हैं, उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को बैंक अधिकारी या पेंशन विभाग का कर्मचारी बताया। ठग ने त्रिपाठी जी को झांसा दिया कि उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं हुआ है और यदि यह जल्द ही अपडेट नहीं किया गया तो उनकी मासिक पेंशन रोक दी जाएगी।

ठग ने इस काम के लिए उन्हें एक विशेष लिंक भेजने या एक स्क्रीन-शेयरिंग एप्लिकेशन (जैसे एनीडेस्क) डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया, ताकि वह दूर बैठकर उनकी मदद कर सके।

ऐसे खाली हुआ खाता
पेंशन रुकने के डर से, रिटायर्ड पेंशनर ने ठग की बातों पर भरोसा कर लिया। ठग के निर्देशानुसार उन्होंने या तो भेजे गए लिंक पर अपनी बैंकिंग डिटेल्स (खाता संख्या, डेबिट कार्ड विवरण) दर्ज कर दी, या फिर ऐप डाउनलोड करने के बाद वन-टाइम पासवर्ड (OTP) साझा कर दिया।

OTP मिलते ही, साइबर ठगों ने उनके बैंक खाते से अलग-अलग ट्रांजैक्शन के माध्यम से कुल 4 लाख 14 हजार रुपये की रकम निकाल ली। एक साथ इतनी बड़ी रकम कटने का मैसेज आने पर प्रवीण कुमार त्रिपाठी को ठगी का एहसास हुआ।

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पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित पेंशनर ने तुरंत साइबर सेल और स्थानीय पुलिस स्टेशन में संपर्क किया। उन्होंने घटना की पूरी जानकारी देते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए FIR दर्ज कर ली है और ट्रांजैक्शन डिटेल्स के आधार पर ठगों की पहचान करने और रकम को फ्रीज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

साइबर सेल गोरखपुर ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि बैंक या सरकारी विभाग कभी भी फोन पर OTP, PIN या CVV नहीं मांगता है। जीवन प्रमाण पत्र जैसे कार्यों के लिए हमेशा आधिकारिक पोर्टल या बैंक शाखा में जाकर ही प्रक्रिया पूरी करें और किसी भी अज्ञात व्यक्ति को अपनी गोपनीय जानकारी न दें।

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