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चन्दौली

राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित हुये 10,887 मामले, जनता को मिला त्वरित न्याय

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चंदौली। सदर तहसील सभागार, चंदौली में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायाधीश रविन्द्र सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों, विभागों तथा बैंकों द्वारा फिजिकल मोड में वादों का निस्तारण किया गया।

इस अवसर पर अशोक कुमार (अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 1), राम बाबू यादव (न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट), विकास वर्मा (सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण), अनुराग शर्मा (विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट), परितोष श्रेष्ठ (एफटीसी नोडल अधिकारी), इशरत परवीन फारूकी (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट), अरुण कुमार गुप्ता (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे) सहित कई न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रशासनिक अधिकारियों में राजेश कुमार (अपर जिलाधिकारी), अनन्त चन्द्र शेखर (अपर पुलिस अधीक्षक), बैंकिंग क्षेत्र से पी.के. सिंह (बड़ौदा यूपी बैंक), प्रभाकर (यूनियन बैंक), वकील संघ से सिविल बार एसोसिएशन अध्यक्ष विनय कुमार सिंह और डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमरेन्द्र प्रताप सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

न्यायालयों द्वारा प्रमुख निस्तारण आंकड़े:

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जनपद न्यायाधीश रविन्द्र सिंह द्वारा 5 इजराय वादों व 1 प्रक्रीर्ण वाद का निस्तारण करते हुए 2.72 लाख की समझौता राशि दिलाई गई।

परितोष श्रेष्ठ द्वारा 45 वादों का निस्तारण, 8 जोड़े साथ भेजे गए और 15.60 लाख की राशि तय कराई गई।

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में अशोक कुमार सिंह यादव ने 13 वादों में 67.15 लाख का प्रतिकर दिलाया।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इशरत परवीन फारूकी ने 3,260 वादों का निस्तारण कर 3.18 लाख का अर्थदंड वसूल किया।

सिविल जज (सी.डि.) निकिता गौड़ ने 202 सिविल वादों में 79.58 लाख के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किए।

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अरुण कुमार गुप्ता ने 1,705 मामलों में 2.04 लाख की वसूली की।

अन्य न्यायिक अधिकारियों द्वारा सैकड़ों मुकदमों का त्वरित निस्तारण किया गया।

कुल उपलब्धियाँ:

निस्तारित मुकदमों की कुल संख्या: 10,887

लघु आपराधिक मुकदमे: 1,831

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राजस्व न्यायालयों में निस्तारित प्रकरण: 65,501

बैंकों द्वारा निस्तारित ऋण खाते: 434

बैंक समझौता राशि: 4.29 करोड़

नकद वसूली: 1.19 करोड़

वसूल किया गया कुल अर्थदंड: 5,88,935

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उत्तराधिकार प्रमाणपत्र की राशि: 79,58,633

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विकास वर्मा ने समस्त जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य न्यायालयीन बोझ कम करना व जनसामान्य को त्वरित न्याय सुलभ कराना है।

समाप्ति में सभी अधिकारियों और न्यायिक कर्मियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की गई और लोक अदालत की सफलता पर संतोष व्यक्त किया गया।

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