वाराणसी
राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को बड़ी राहत, राणा सांगा विवाद में कोर्ट ने खारिज किया परिवाद

वाराणसी। राणा सांगा को लेकर की गई कथित अमर्यादित टिप्पणी मामले में राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट (चतुर्थ) के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुमार त्रिपाठी ने सांसद के खिलाफ दाखिल परिवाद को पोषणीय नहीं मानते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि सांसद को संसद में दिए गए बयान को लेकर संविधान के अनुच्छेद 105(2) के तहत विशेष संरक्षण प्राप्त है।
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के वाराणसी इकाई के जिलाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने यह परिवाद दाखिल किया था। उनका आरोप था कि सांसद ने 21 मार्च को संसद में राणा सांगा को ‘गद्दार’ और क्षत्रिय समाज को ‘गद्दार की औलाद’ कहा, जिससे समाज की भावना आहत हुई। यह बयान विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित भी हुआ।
हालांकि, अदालत ने पाया कि प्रस्तुत किए गए वीडियो साक्ष्यों में ऐसा कोई आपराधिक तत्व नहीं है, जिससे भारतीय दंड संहिता की किसी भी धारा के तहत मामला बनता हो। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सदन में दिए गए बयान पर सांसद को संवैधानिक छूट प्राप्त है।
सांसद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद अदालत ने यह कहते हुए परिवाद को ग्राह्यता के स्तर पर ही निरस्त कर दिया कि यह सुनवाई योग्य नहीं है।