वाराणसी
राजनीति, शिक्षा और संस्कार की विरासत पर चर्चा, एक मंच पर याद की गईं तीन महान विभूतियाँ
तीन युगपुरुष, एक विचारधारा—राष्ट्र सर्वोपरि के भाव से सजा सुशासन दिवस कार्यक्रम
वाराणसी। डॉ. राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय, भैरव तालाब, राजा तालाब, वाराणसी में गुरुवार को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई। इसी दिन मदन मोहन मालवीय की जयंती मनाई गई, साथ ही काशी नरेश विभूति नारायण सिंह की पुण्यतिथि भी मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रबंधक तोयज कुमार सिंह उर्फ सुशील कुमार द्वारा दीप प्रज्वलन एवं प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय के प्रबंधक ने कहा कि अटल जी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के समर्थक थे। उनका मानना था कि राजनीति का उपयोग देश को सर्वोपरि मानकर करना चाहिए। उनका नारा “एकात्म मानववाद अमर रहे” वर्तमान में भी प्रासंगिक है।
इस अवसर पर डॉ. अखिलेश तिवारी ने कहा कि वैश्विक संदर्भ में अटल जी का कहना था कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन शांति हमारी कमजोरी नहीं है। वहीं, इस अवसर पर प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि देश में वैज्ञानिक विकास को महत्वपूर्ण मानते हुए “जय जवान, जय किसान एवं जय विज्ञान” का नारा दिया गया।
इस अवसर पर तहसील बार एसोसिएशन, राजातालाब के पूर्व महामंत्री प्रदीप कुमार सिंह ने मालवीय जी के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वे वे लोग थे, जो बिना पद की आकांक्षा के कुछ सार्थक कर गए और एक शिक्षा का मंदिर स्थापित किया। उनका योगदान समाज के लिए अमूल्य है।
इस अवसर पर अखिलेश गुप्ता, एडवोकेट ने कहा कि अटल जी सौहार्दपूर्ण राजनीति के समर्थक थे। पक्ष-विपक्ष के सभी नेता उन्हें प्यार करते थे।
इस अवसर पर डॉ. अजय कुमार मौर्य, डॉ. हितेंद्र राय, डॉ. प्रिय रंजन, चंद्रेश सिंह, पिंटू, सोनू, विशाल, पप्पू इत्यादि लोग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंधक तोयज कुमार सिंह ने की तथा संचालन डॉ. कृपा शंकर पाठक ने किया।
