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वाराणसी

मानवधिकार रक्षकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

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वाराणसी: विश्व ज्योति जनसंचार केंद्र, लोक समिति नागेपुर,एशियन ब्रिज इंडिया नट समुदाय जन संघर्ष समिति व एक्शन ऐड के तत्वाधान में इस कार्यशाला को आयोजित किया गया था।कार्यशाला की शुरुआत मोहम्मद मूसा आजमी द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया । इस कार्यशाला में लगभग 50 प्रतिभागियों ने शिरकत किया। कुशीनगर से आए रामवृक्ष गिरी द्वारा निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम के बारे में जानकारी दिया गया उन्होंने बताया कि किस तरह से सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह 0 से 14 वर्ष के तक के बच्चों को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है और इस बात की जांच के लिए स्कूल प्रबंधन कमेटी का अहम रोल होता है इस कमेटी में 15 सदस्य होते हैं जिसमें से 11 अभिभावक होते हैं,वह अभिभावक व उनके बच्चे जो उसी स्कूल में पढ़ रहे होते हैं, 4 पदेन अधिकारी को इस कमेटी में शामिल किया जाता है जिसमें एनम,लेखपाल,ग्राम प्रधान बीडीसी, व पधानाचार्य शामिल हो सकते हैं उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा गांव में घूम कर यह पता लगाया जाता है कि कोई बच्चे शिक्षा से मरहूम न रह जाए क्योंकि इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य है कि प्राथमिक शिक्षा सभी को मिले और इस स्कूल प्रबंधन समिति को हमेशा एक्टिव रहना चाहिए फिर एक्शन ऐड से आये हुए फराज़ सर द्वारा इस कार्यशाला का महत्व व भविष्य में इसके एक्शन प्लान व मानवाधिकार रकक्षो के अहम रोल के बारे में बताया गया उनके द्वारा यह भी कहा गया कि एक्शन ऐड इसका दुरगामी परिणाम देख रही है। इसी कड़ी में लोक समिति के नंदलाल मास्टर द्वारा विभिन्न मुद्दों पर चार्ट वर्क कराया गया वर्क के दौरान सभी प्रतिभागियों को 5 ग्रुपों में बांटा गया था हर ग्रुप को अलग-अलग प्रश्न दिए गए थे उन्हें अपने ग्रुप में सलाह विचार करके उन प्रश्नों से जुड़ी हुई समस्याओं को चार्ट पर लिखना था जो सभी ग्रुप द्वारा किया गया फिर अगले दिन के सत्र में अगले दिन के सेशन में प्रमोद पटेल द्वारा फीडबैक लिया गया और यह पूछा गया कि बीते 1 दिन के कार्यशाला में आप लोगों को क्या समझ में आया सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया फिर एशियन ब्रिज इंडिया की नीति जी द्वारा मौलिक अधिकारों संवैधानिक अधिकारों और मानव अधिकार अधिनियम के ऊपर प्रशिक्षण दिया गया इसी कड़ी में मोहम्मद मूसा द्वारा समझाया गया कि किस तरह से हमारे जीवन जीने के अधिकार से यह सारी समस्याएं जुड़ जाती हैं, यह जो सारी समस्याएं हैं यही हमारे अधिकारों को अधिकारों को न मिल पाने में अहम रोल अदा करते हैं,इसलिए यह सब समस्याओं को हम मानवाधिकारों से जोड़कर देख रहे हैं और उन्होंने कहा कि मानवाधिकार रक्षकों का रोल कोई अहम रोल नहीं है यह बहुत ही महत्वपूर्ण रोल है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समझौतों में अनुच्छेद 1 में यह बताया गया है कि दुनिया में जो भी व्यक्ति अपने हक अधिकारों के लिए बात करता है, आवाज उठाता है तो उन्हें मानवाधिकार की सार्वभौमिक घोषणा के अनुसार मानवाधिकार रक्षक बोला जाता है,इसी कड़ी में श्री नंदलाल मास्टर जी द्वारा 9 बिंदुओं पर चर्चा किया गया समझाया गया कि 9 बिंदुओं को किस तरह से बिना कलम उठाए सीधी रेखा से विभाजित किया जा सकता है और उन्होंने 2 छोर पर अहम रोल अदा करने की बात बताई उनके द्वारा बताया गया कि मानवाधिकार रक्षको को किसी तरह का अहम नही होना चाहिए उन्हें आल राउंडर होना चाहिए। समापन सत्र के दौरान यूसुफ अली ने कहा कि हम जो यह सिख रहे है, यह हमारे जीवन व समुदाय के बहुत ही उपयोगी है। अवनीश नट द्वारा बोला गया कि हम अपने हक के लिए आवाज उठाएंगे। फिर प्रेम नट द्वारा दो दिन के अपने अनुभवों को साझा किया गया।इसी कड़ी में करन कुमार नट द्वारा अपने में हुए बदलाव व मिली जानकारियो को अपने हक अधिकारों के लिए संघर्ष करने की बात कही गई।

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