मुम्बई
मनुस्मृति जलाने पर विवाद, अजीत पवार और शरद पवार गुट के बीच बढ़ा मतभेद
मुंबई। राकां (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र आव्हाड़ का समर्थन करने को लेकर महाविकास अघाड़ी में शामिल अजीत पवार गुट के दो मंत्रियों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। इस विवाद की शुरुआत रायगढ़ जिले में मनुस्मृति जलाने को लेकर हुए आंदोलन से हुई, जिसमें आव्हाड़ ने गलती से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की तस्वीर फाड़ दी थी। इसके बाद, बीजेपी ने आव्हाड़ के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन किया।
भुजबल का आव्हाड़ का समर्थन – अजीत पवार गुट के मंत्री छगन भुजबल ने आव्हाड़ का बचाव करते हुए कहा कि शरद पवार गुट के नेता की सिर्फ इसलिए आलोचना नहीं की जानी चाहिए कि वे विपक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि आव्हाड़ अच्छे इरादे से मनुस्मृति को जलाने गए थे और गलती से आंबेडकर की तस्वीर फाड़ दी थी, जिसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी है। भुजबल ने कहा कि लोगों की भावनाओं को देखना चाहिए और मूल मुद्दा मनुस्मृति को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के विरोध का है।
मुश्रिफ की कड़ी प्रतिक्रिया -अजीत पवार गुट के एक अन्य मंत्री हसन मुश्रिफ ने भुजबल की दलीलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि मनुस्मृति को जलाना था, तो पुस्तक को जलाते, लेकिन भीमराव अंबेडकर की तस्वीर क्यों छापी ? मुश्रिफ ने भुजबल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस विवाद की वजह से मनुस्मृति का मुद्दा महत्वहीन हो गया है।
भुजबल पार्टी से नाखुश ? सूत्रों के मुताबिक, नाशिक लोकसभा सीट से दबाव की वजह से छगन भुजबल को अपना नाम वापस लेना पड़ा, जिससे वे पार्टी से नाखुश हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने यह कहकर भी विवाद पैदा कर दिया था कि राज्य में लोगों की सहानुभूति शरद पवार और उद्धव ठाकरे के साथ है। अब, शरद पवार गुट के नेता आव्हाड़ का समर्थन करने की वजह से भुजबल के मंसूबों को लेकर नई राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।