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वाराणसी

मनीष चौबे का आकस्मिक निधन, पार्टी में शोक की लहर

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वाराणसी। जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख पं. सतीश चौबे के इकलौते पुत्र, युवा कांग्रेसी व व्यापारी नेता मनीष चौबे का गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। खजुरी स्थित चौबे निवास पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है।

लीवर ट्रांसप्लांट के बाद नहीं बच सकी जान:
48 वर्षीय मनीष चौबे पिछले एक महीने से लीवर ट्रांसप्लांट के लिए मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उनके बेटे देवांश चौबे (22 वर्ष) ने अपने पिता को लीवर डोनेट किया था। ऑपरेशन सफल होने के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और गुरुवार की रात लगभग 8:30 बजे उनका निधन हो गया।

राजनीति और व्यवसाय में सक्रिय भूमिका:
मनीष चौबे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य और महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा, वे तेलियाबाग स्थित हनुमान गैस सेवा के अधिष्ठाता थे। साथ ही, वे पंडित रामप्रवेश चौबे इंटर व पी.जी. कॉलेज, कुरौली रजला नियार, वाराणसी के को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे।

सभी दलों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि:
उनके आकस्मिक निधन की सूचना जैसे ही वाराणसी पहुंची, शहर में शोक की लहर दौड़ गई। पं. सतीश चौबे के खजुरी स्थित आवास पर बड़ी संख्या में राजनेता, व्यापारी, समाजसेवी और स्थानीय लोग शोक व्यक्त करने पहुंचे। कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट किया।

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शुक्रवार शाम लगभग 5 बजे मनीष चौबे का पार्थिव शरीर उनके खजुरी निवास पर पहुंचा, जहां उन्हें अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। उनके निधन से वाराणसी ने एक प्रमुख युवा नेता और समाजसेवी को खो दिया है।

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