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भारत में राफेल लड़ाकू विमान बनाने की तैयारी में डसॉल्ट एविएशन, यूपी के इस शहर में लगेगा प्लांट

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रिपोर्ट – सुभाष चंद्र सिंह

नई दिल्ली। फ्रांसीसी विमानन प्रमुख डसॉल्ट एविएशन भारत के मिराज 2000 और राफेल लड़ाकू विमानों के लिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधाओं के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में है। यहां राफेल लड़ाकू विमानों के नवीनतम संस्करणों का निर्माण भी किया जा सकता है। भारतीय वायु सेना को अगले दो दशकों में कम से कम 100 दो इंजन वाले बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमानों की जरूरत है। डसॉल्ट एविएशन की नजर इस बड़े सौदे पर भी है।

सूत्रों ने बताया कि फ्रांस की मैक्रों सरकार और दसॉ ने भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर खरीदे गए पार्ट्स के साथ “मेक इन इंडिया” के तहत भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण करने की लिखित पेशकश की है। इसके अलावा इंजन निर्माता सफ़रन एसए हैदराबाद में राफेल लड़ाकू इंजन की मरम्मत के लिए एक एमआरओ सुविधा स्थापित कर रही है, जो 2025 तक तैयार हो जाएगी।

सफ़रान एसए ने कहा है कि अगर भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए राफेल ऑर्डर मिलता है, तो वह भारत में एम-88 इंजन का निर्माण करने को तैयार है। भारत अपनी वायुसेना की जरूरतों को स्वदेशी विमानों से पूरा करना चाहता है। GE-414 इंजन के साथ HAL का LCA मार्क II मिराज 2000 की जगह लेगा। लेकिन इसमें कम से कम 10 साल का समय लगेगा। इसे देखते हुए राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी इसकी प्रोडक्शन यूनिट भारत में लगाना चाहती है। यही नहीं फ्रांस लड़ाकू विमानों को निर्यात करने की भी अनुमति देगा।

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