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भारत की कड़ी चेतावनी – कनाडा के निराधार आरोपों से बिगड़ सकते हैं द्विपक्षीय संबंध

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नई दिल्ली। कनाडा सरकार द्वारा भारतीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाए जाने के संदर्भ में जोड़ने पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को बुलाकर औपचारिक विरोध पत्र सौंपा। इसके अलावा, कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर निगरानी के मामलों पर भी भारत ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “कनाडा के अधिकारी निराधार आरोपों को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं। ये आरोप अनर्गल और निराधार हैं। कनाडा के अधिकारी इन्हें अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लीक कर भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।”

प्रवक्ता के अनुसार, कनाडा सरकार ने भारतीय राजनयिकों को सूचित किया है कि वे ऑडियो-वीडियो निगरानी में हैं, और उनकी बातचीत को सुरक्षा एजेंसियां सुन रही हैं। भारत का मानना है कि यह राजनयिकों पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। प्रवक्ता ने कहा, “हमारे राजनयिक पहले से ही एक कठिन और हिंसक माहौल में कार्यरत हैं। ऐसे में कनाडा की कार्यवाही स्थिति को और बिगाड़ सकती है।”

भारतीय छात्रों और प्रवासियों की सुरक्षा पर भारत की प्राथमिकता

कनाडा में भारतीय छात्रों के वीजा मुद्दों और अन्य समस्याओं पर पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, “हम वहां कार्यरत भारतीय पेशेवरों और छात्रों की भलाई के प्रति पूरी तरह सजग हैं और उनकी सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता देते हैं।”

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कनाडा में विरोधी दल का दिवाली का आयोजन हुआ था रद्द

कनाडा में मुख्य विपक्षी दल द्वारा आयोजित दिवाली कार्यक्रम को रद्द किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रवक्ता ने कहा, “यह चिंताजनक है कि कनाडा में असहिष्णुता इतनी बढ़ गई है कि पारंपरिक उत्सवों को भी बाधित किया जा रहा है।”

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