वाराणसी
भारतीय रेल नवाचार नीति के तहत स्टार्ट अप को आकर्षित करने के लिए किये जा रहे प्रयास
रिपोर्ट : मनोकामना सिंह
वाराणसी ;राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर भारतीय रेल ने स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है। रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 13 जून को रेल भवन, नई दिल्ली में "रेलवे के लिए स्टार्टअप" को लॉन्च किया था। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा।
इस कार्यक्रम के पहले चरण के लिए रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों/जोनों से प्राप्त 100 से अधिक प्रॉबलम स्टेटमेंट में से 11 प्रॉबलम स्टेटमेंट जैसे रेल फ्रैक्चर, हेडवे कमी आदि को लिया गया है। इन्हें नवीन समाधान खोजने के लिए स्टार्ट अप के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।माननीय रेल मंत्री जी ने स्टार्टअप से इस अवसर का उपयोग करने का अनुरोध किया और उन्हें 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान, सुनिश्चित बाजार, स्केल और ईको सिस्टम के रूप में भारतीय रेलवे से समर्थन सुनिश्चित करने की बात भी कही।
“भारतीय रेलवे नवाचार नीति- रेलवे के लिए स्टार्टअप्स” युवाओं के लिए यह एक अच्छा अवसर है, इसका उन्हें पूरा लाभ लेना चाहिए| संभावित स्टार्टअप की पहचान किये जाने और नीति को सभी हितधारकों विशेषकर युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाए जाने के रेलवे द्वारा अनेक कदम उठाया जा रहा है। इस अवसर का लाभ उठाकर युवाओं को आकर्षित करने और राष्ट्र के विकास में भागीदार बनने के लिए विभिन्न स्तरों पर बैठकों की योजना बना रहे हैं।
भारतीय रेलवे की नवाचार नीति का मुख्य विवरण इस प्रकार है: –
• माईलस्टोन वार भुगतान के प्रावधान के साथ समान साझेदारी के आधार पर नवोन्मेषक को 15 करोड़
का अनुदान।
• पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए प्रॉबलम स्टेटमेंट के प्रारंभ से लेकर प्रोटोटाइप के विकास तक निर्धारित समय-सीमा के साथ प्रक्रिया ऑनलाइन है।
• रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन के आधार पर आगे लागू करने
की स्थिति में अग्रिम हुई धनराशि प्रदान की जाएगी।
• नवप्रवर्तकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा जिसे रेल मंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
• विकसित इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार (आईपीआर) इनोवेटर के पास ही रहेंगे।
• इनोवेटर को सुनिश्चित डेवलेपमेंट ऑर्डर।
• विलम्ब से बचने के लिए मंडलीय स्तर पर संपूर्ण उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण।
नई नवाचार नीति के माध्यम से समाधान हेतु 11 समस्याओं(प्रॉबलम स्टेटमेंट) की पहचान की गई है और इनको पोर्टल पर अपलोड किया गया है। ये निम्नवत हैं;-
I. ब्रोकेन रेल जांच प्रणाली
II. रेल स्ट्रेस निगरानी प्रणाली
III. भारतीय रेलवे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ इंटर ऑपरेबल उपनगरीय खंड के लिए हेड-वे सुधार प्रणाली
IV. ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का ऑटोमेशन
V. भारी माल ढुलाई हेतु फ्रेट वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) का डिजाइन
VI. 3-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास
VII. नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वजन के वैगन
VIII. यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक टूल का विकास
IX. ट्रैक सफाई मशीन
X. स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों एवं प्रशिक्षण उपरांत रिवीज़न के लिए ऐप
XI. पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग
भारतीय रेल स्टार्टअप के माध्यम से उन्नत तकनीक को अपनाकर गाढ़ी संचलन आने वाली चुनौतियों से निपटेगी। नई तकनीक के माध्यम से 11 मदों पर इनोवेटर रेलवे के विकास में योगदान दे सकेंगे। भारतीय रेल द्वारा लाव इनोवेशन पोर्टल वेबसाइट www.innovation.indianrailways.gov.in पर उपलब्ध है जिसमें दस नीति के बारे में सूचनायें दी गई है। इस पोर्टल के माध्यम से 30 जून 2022 से इच्छुक स्टार्टअप इनोवेटर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमी अनलाइन प्रस्ताव भेज सकेंगे।