दुनिया
ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे कीर स्टार्मर, चुनावी हार के बाद ऋषि सुनक ने मांगी माफी

ब्रिटेन की सत्ता में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आम चुनाव में लेबर पार्टी को भारी बहुमत से जीत मिला है। जबकि, पीएम ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने कहा कि, मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया है। ऋषि सुनक ने भी कीर स्टार्मर को बधाई देते हुए अपनी हार मान ली है।
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने चुनाव नतीजों को लेकर मतदाताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि, “देश के लोग परिवर्तन के लिए तैयार हैं और दिखावे की राजनीति को खत्म करने के लिए उन्होंने मतदान किया है।” होलबोर्न और सेंट पैनक्रास सीटों से जीतने के बाद अपने विजय भाषण में 61 वर्षीय स्टार्मर ने कहा कि ‘चाहे लोगों ने उन्हें वोट दिया हो या नहीं, मैं इस निर्वाचन क्षेत्र के हर व्यक्ति की सेवा करूंगा। मैं आपके लिए बोलूंगा, आपका साथ दूंगा, हर दिन आपकी लड़ाई लड़ूंगा। अब समय आ गया है कि हम अपना काम करें।”
कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने 300 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कर लिया है। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी सिर्फ 81 सीटों पर जीती है। चुनाव नतीजों पर ऋषि सुनक ने अपने संसदीय क्षेत्र रिचमंड और नॉर्दर्न एलर्टन में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि, “मैं माफी मांगता हूं और इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं। लेबर पार्टी ने इस चुनाव में जीत हासिल की है और मैंने कीर स्टार्मर को फोन कर उनकी जीत पर बधाई दी। आज, सत्ता शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से स्थानांतरित हो जाएगी।”
ऋषि सुनक ने कहा कि, “मैं कंजर्वेटिव पार्टी के कई अच्छे, मेहनती उम्मीदवारों की हार की जिम्मेदारी लेता हूं, जो आज रात अपनी कोशिशों, अपने स्थानीय रिकॉर्ड और अपने समुदायों के प्रति समर्पण के बावजूद हार गए। मुझे इसका दुख है। मैंने बतौर प्रधानमंत्री अपना सौ फीसदी देने की कोशिश की। अब मैं लंदन जाऊंगा, जहां मैं प्रधानमंत्री का पद छोड़ने से पहले आज रात के परिणाम के बारे में और अधिक बताऊंगा।”
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे कीर स्टार्मर, जानें हैं कौन ?
मजदूर वर्ग की पृष्ठभूमि से आने वाले 61 वर्षीय कीर स्टार्मर के पिता टूल मेकर और मां नर्स का काम करती थी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रीगेट ग्रामर स्कूल से हासिल की है। वहीं उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड और यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स से पढाई की है। कीर स्टार्मर अपने परिवार के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने यूनिवर्सिटी में पढाई की है। साल 1987 में वह बैरिस्टर बने और मानवाधिकार कानूनों की लड़ाई भी लड़ी है।