गाजीपुर
बैंक कर्मचारियों और मजदूर संगठनों ने निकाला जुलूस, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

सैदपुर (गाजीपुर)। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का व्यापक असर सैदपुर तहसील क्षेत्र में भी देखने को मिला। बुधवार सुबह से यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और एलआईसी कार्यालयों के बाहर ताले लटकते नजर आए। बैंक और बीमा कर्मचारियों ने कार्यालयों के बाहर धरना देकर सरकार की आर्थिक व श्रम नीतियों का विरोध किया। इस दौरान अपने कार्यों से बैंक पहुंचे ग्राहकों को निराश होकर लौटना पड़ा।
हड़ताल को प्रभावी बनाने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) और अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले मजदूरों और कर्मचारियों ने संयुक्त जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर तहसील मुख्यालय से ब्लॉक कार्यालय तक सरकार विरोधी नारे लगाते हुए पहुंचे। जुलूस के बाद प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी कार्यालय में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में श्रमिकों, कर्मचारियों और आमजन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली नीतियों को तत्काल वापस लेने की मांग की गई।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की सार्वजनिक संपत्तियों को निजी हाथों में सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है, जिससे आम जनता की सेवाएं संकट में पड़ गई हैं। निजीकरण की प्रक्रिया से सरकारी नौकरियों में नई भर्तियां रुक गई हैं और वर्तमान कर्मचारियों पर कार्य का अतिरिक्त दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कार्य समय 8 घंटे से बढ़ाकर 14 घंटे करने की तैयारी कर रही है, जो अमानवीय है। मनरेगा मजदूरों को केंद्र द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी 783 रुपये के बजाय केवल 252 रुपये प्रतिदिन भुगतान किए जाने पर भी नाराजगी जताई गई।
नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया तो आंदोलन और अधिक व्यापक और उग्र होगा।