वाराणसी
बीएचयू में मायस्थेनिया ग्रेविस सर्जरी और कॉर्निया ट्रांसप्लांट सफल
वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में हाल ही में दुर्लभ रोग मायस्थेनिया ग्रेविस (एमजी) की सफल सर्जरी की गई। इस सर्जरी में मरीज की छाती में स्थित थाइमस ग्रंथि को हटाया गया, जो एंटीबॉडी बनाने का काम करती है।
यह ऑपरेशन वीडियो असिस्टेड थोरेसिक सर्जरी तकनीक से किया गया जो लेप्रोस्कोपी की तरह है। खास बात यह है कि प्रदेश में यह पहला मौका था जब कैंसर के मरीज पर इस प्रकार की सर्जरी की गई।
मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन में भी 44 साल पहले इस बीमारी का पता चला था। बीएचयू अस्पताल के आंकोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने यह सर्जरी की जिसमें डॉ. तरुण कुमार और डॉ. निमिषा वर्मा शामिल थे। मरीज की पहचान छिपाई गई थी। इस बीमारी के कारण शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे पलकें झुकने, दृष्टि में धुंधलापन और चलने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
इस रोग में फेफड़े भी प्रभावित हो सकते हैं।इसके साथ ही बीएचयू में पहली बार एक ट्रिपल सर्जरी की गई जिसमें दृष्टिहीन मरीज को कॉर्निया का सफल ट्रांसप्लांट किया गया। फुत्सा देवी की मृत्यु के एक घंटे बाद उनके कॉर्निया को निकालकर अगले दिन दूसरे दृष्टिहीन मरीज में ट्रांसप्लांट कर दिया गया।
यह सर्जरी बीएचयू आई बैंक के चेयरमैन प्रोफेसर आरपी मौर्य और उनकी टीम द्वारा की गई। डॉक्टरों का दावा है कि इस सर्जरी के बाद मरीज की दूसरी आंख से देखने की संभावना है।