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वाराणसी

बिजलीकर्मियों का निजीकरण के खिलाफ हल्ला बोल, सुंदरकाण्ड पाठ कर जताया विरोध

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वाराणसी। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में वाराणसी के बिजलीकर्मियों ने भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर आयोजित इस आंदोलन में बड़ी संख्या में अवर अभियंता, सहायक अभियंता एवं तकनीकी कर्मी शामिल हुए।

प्रदर्शन की शुरुआत हनुमान मंदिर में सुंदरकाण्ड पाठ के साथ हुई। कर्मियों ने ऊर्जा प्रबंधन को सही दिशा दिखाने की प्रार्थना करते हुए निजीकरण के फैसले को जनविरोधी बताया।

राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर संगठन की पूर्वांचल इकाई ने संघर्ष समिति के साथ साझा मंच पर आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन जानबूझकर घाटा बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है और आंकड़ों में हेरफेर कर आम उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार डालने का प्रयास कर रहा है। उनका कहना था कि यह सबकुछ निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की साजिश के तहत किया जा रहा है।

संघर्ष समिति ने बताया कि 21 मई से प्रदेशभर में केंद्रीय पदाधिकारी दौरा कर कर्मचारियों को आंदोलन के लिए जागरूक करेंगे। इसके बाद 28 मई तक हर दिन दोपहर 2 से 5 बजे तक विरोध सभाएं आयोजित होंगी। 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी गई है।

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वक्ताओं ने आगरा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां भी निजीकरण से पहले घाटा 54% बताया गया, जबकि असल में यह 40% से भी कम था। नतीजन अब पावर कॉरपोरेशन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्रदर्शन के दौरान शक्ति भवन के गेट बंद किए जाने से टकराव की स्थिति बनी, लेकिन संघर्ष समिति के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत कराया गया। सभा की अध्यक्षता ओ.पी. सिंह ने की, जबकि संचालन अंकुर पांडेय ने किया। इस अवसर पर ई. मायाशंकर तिवारी, ई. नरेंद्र वर्मा, ई. एस.के. सिंह, ई. नीरज बिंद, ई. मनीष राय, ई. पंकज जायसवाल, विजय सिंह, मोनिका केशरी, नेहा कुमारी, उदयभान दुबे समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया।

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