Connect with us

गाजीपुर

बहरियाबाद के बाजारों में धड़ल्ले से बिक रही मिलावटी ताड़ी

Published

on

गाजीपुर। जनपद के बहरियाबाद क्षेत्र सहित आसपास के गांवों में इन दिनों बाजारों में खुलेआम मिलावटी ताड़ी बेची जा रही है। ताड़ी दुकानों पर शाम होते ही भीड़ उमड़ पड़ती है। नशे की गिरफ्त में लोग न केवल खुद को नुकसान पहुँचा रहे हैं, बल्कि समाज के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, ताड़ी पीने के बाद अक्सर युवकों द्वारा सड़कों पर उत्पात मचाया जा रहा है। गाली-गलौज, मारपीट की घटनाएं आम हो गई हैं। कई बार ताड़ी के नशे में लोग सड़क किनारे गिरे मिले हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों पर मानसिक असर पड़ रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ताड़ी ताड़ के पेड़ के फूलों से प्राप्त एक प्राकृतिक रस होता है। जब यह ताज़ा होता है, तो इसे ‘नीर’ कहा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इसमें विटामिन A, B, C, पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं।

फर्मेंटेशन के बाद बनता है नशे का ज़हर
समस्या तब शुरू होती है जब इसी ताड़ी को पुराना होने दिया जाता है, जिससे इसमें अल्कोहल का स्तर बढ़ जाता है। यह पुरानी ताड़ी नशे का रूप ले लेती है और नियमित सेवन से स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालती है। मिलावटी ताड़ी में मिलने वाले रासायनिक तत्वों से लिवर, मस्तिष्क और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है।

Advertisement

स्वास्थ्य और समाज दोनों खतरे में
डॉक्टरों की मानें तो अत्यधिक मात्रा में ताड़ी के सेवन से फैटी लिवर, हेपेटाइटिस, सिरोसिस, न्यूरोपैथी, मानसिक विकार, उच्च रक्तचाप, हार्ट अरेस्ट और यहां तक कि जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।

सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर असर
ताड़ी के नशे की वजह से कई घरों में कलह और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। नशे में लोग कामकाज छोड़ रहे हैं, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। बच्चों की शिक्षा और मानसिक विकास पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है।

प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में बिक रही मिलावटी ताड़ी की जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। साथ ही, ताड़ी के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाये।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page