राज्य-राजधानी
बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर भड़की हिंसा, पुलिस पर पथराव

मुर्शिदाबाद, भांगड़ और सिलीगुड़ी में तनाव चरम पर
पश्चिम बंगाल इन दिनों हिंसा की आग में जल रहा है। वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और सिलीगुड़ी जैसे जिलों को चपेट में ले लिया है। सोमवार को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में उपद्रवियों ने केंद्रीय बलों और पुलिस पर पथराव किया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए।
दक्षिण 24 परगना के भांगड़ इलाके में भी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के कार्यकर्ताओं ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए और क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

सिलीगुड़ी में दो समुदायों के बीच टकराव के बाद कई घरों में तोड़फोड़ की गई। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भीड़ ने लाठियों और बांस से एक-दूसरे पर हमला करने की कोशिश की। अब इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स और भारी पुलिस बल तैनात है।
मुर्शिदाबाद में शुक्रवार को हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, अब तक 210 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। राज्य प्रशासन प्रभावित इलाकों में शांति बहाली के प्रयासों में जुटा है।
जाफराबाद में हिंसा के दौरान हिंदू पिता-पुत्र की हत्या की घटना ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है। इन इलाकों में धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
बीएसएफ और सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। हालांकि कुछ इलाकों में हालात सामान्य हो रहे हैं और लोग धीरे-धीरे अपने घरों को लौट रहे हैं।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग भी उठने लगी है। विपक्षी नेताओं ने इसे बांग्लादेशी प्रभाव से प्रेरित बताते हुए कड़ी आलोचना की है।