अपराध
फर्जी डिग्री घोटाले का भंडाफोड़, चेयरमैन समेत 10 गिरफ्तार

लखनऊ/हापुड़। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हापुड़ जनपद के पिलखुवा क्षेत्र स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी में चल रहे एक बड़े फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट, डिग्रियां, नकदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए।
बिना पढ़ाई के बिक रहीं थीं प्रोफेशनल डिग्रियां
STF की जांच में खुलासा हुआ कि मोनाड यूनिवर्सिटी में बिना किसी शैक्षणिक प्रक्रिया के BA, B.Sc, B.Com, B.Pharma, B.Ed, MA, LLB और B.Tech जैसी डिग्रियां बेची जा रही थीं। इन डिग्रियों की कीमत 50 हजार रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक तय की गई थी।
1372 फर्जी डिग्रियां, लाखों की नकदी बरामद
छापेमारी के दौरान STF ने कुल 1372 फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां, 14 मोबाइल फोन, एक आईपैड, 7 लैपटॉप, 6 लाख 54 हजार 800 रुपये नकद और 26 अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा संदीप सेहरावत, मुकेश ठाकुर, अनिल बत्रा, नितिन कुमार, गौरव शर्मा, सनी कश्यप, इमरान, कुलदीप और विपुल ताल्या शामिल हैं।
हुड्डा पहले भी घोटाले में रहा है आरोपी
सूत्रों के अनुसार विजेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व में चर्चित बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड भी रह चुका है। अब एक बार फिर वह एक संगठित फर्जीवाड़े का सरगना बनकर सामने आया है।
शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
यह रैकेट न केवल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बदनाम कर रहा था, बल्कि हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर रहा था। हापुड़ पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और STF अन्य संलिप्त लोगों की तलाश में जुटी हुई है।
फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दरकार
इस खुलासे ने शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं और ऐसे संगठनों व व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया है।