चन्दौली
प्रयाग इंटरनेशनल स्कूल में स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी का दिखा अनूठा संगम

तिरंगे की शान और कान्हा की मधुर लीलाओं से गूंजा पूरा परिसर
चंदौली। 15 अगस्त 2025 की सुबह प्रयाग इंटरनेशनल स्कूल का वातावरण देशभक्ति और भक्ति के अद्भुत रंगों में रंगा हुआ था। एक ओर स्वतंत्रता दिवस की पावन स्मृतियाँ थीं, तो दूसरी ओर जन्माष्टमी की मधुरिम छटा—दोनों ने मिलकर पूरे परिसर को आनंद, उत्साह और श्रद्धा से भर दिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे रामकिशुन यादव स्वयं एक प्रेरणास्रोत हैं। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व विधायक स्व. गंजी प्रसाद यादव के सुपुत्र हैं, जिन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह देश और समाज के उत्थान के लिए समर्पित किया। उनके व्यक्तित्व में सेवा, सादगी और संघर्ष का अद्भुत मेल झलकता है। कार्यक्रम में उनके साथ विद्यालय के प्राचार्य सुनील कुमार द्विवेदी, निदेशक दिवाकर यादव, प्रशासनिक प्रमुख सूर्यभान यादव एवं उदयभान यादव, तथा डीन आर.पी. सिंह की उपस्थिति ने समारोह की शोभा को और भी बढ़ा दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के औपचारिक स्वागत से हुई। तत्पश्चात जैसे ही उनके हाथों से तिरंगा फहराया गया, पूरा आकाश “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से गूंज उठा। उसके बाद बजा राष्ट्रीय गान—जिसकी हर पंक्ति ने सभी के भीतर गर्व और एकता की भावना को और प्रज्वलित कर दिया।
संस्कृति और अध्यात्म का संदेश देते हुए कार्यक्रम की शुरुआत शिव स्तुति से हुई, जिसने पूरे वातावरण को पवित्र कर दिया। इसके बाद देशभक्ति गीत “मेरा मुल्क मेरा देश” (शेयश एवं सौभाग्य द्वारा प्रस्तुत) ने सभी के हृदयों में देशप्रेम की लहर दौड़ा दी।
पी.जी. कक्षा के नन्हे-मुन्नों का मासूम और उत्साही नृत्य सभी के चेहरों पर मुस्कान ले आया, तो कक्षा 9 के छात्रों का ऊर्जावान समूह नृत्य “तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा” देशभक्ति के जोश को चरम पर ले गया।
जन्माष्टमी की भावना से ओतप्रोत राधा-कृष्ण पर आधारित नाट्य मंचन ने मानो वृंदावन का दृश्य उपस्थित कर दिया। “अक्षुत्तन केशवम्”, “श्यामा आओ बसो” और “ओ कान्हा मुरली की” जैसे भजनों ने श्रद्धा का माहौल बना दिया, जबकि समूह गीत “हम देश की आशा हैं” ने युवाओं में राष्ट्रनिर्माण की प्रेरणा जगाई।
मुख्य अतिथि रामकिशुन यादव ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे पूर्वजों ने जो बलिदान दिए, उन्हें केवल याद करना ही नहीं, बल्कि अपने कर्मों से उनकी विरासत को आगे बढ़ाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। देशप्रेम वह दीपक है जो पीढ़ी दर पीढ़ी जलता रहना चाहिए।”
निदेशक दिवाकर यादव ने कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य केवल अकादमिक उत्कृष्टता नहीं, बल्कि अच्छे संस्कार और नैतिक मूल्यों का विकास है।
प्राचार्य सुनील कुमार द्विवेदी ने अत्यंत प्रभावशाली शब्दों में कहा, “स्वतंत्रता केवल एक उपहार नहीं, यह एक जिम्मेदारी है। इसे बनाए रखने के लिए हमें परिश्रम, अनुशासन और ईमानदारी से काम करना होगा। हमारी संस्कृति और मूल्यों को बचाए रखना ही हमारी असली आज़ादी है।” डीन आर.पी. सिंह ने विद्यार्थियों को उत्कृष्टता, समर्पण और सामाजिक एकता की प्रेरणा दी।
सभी प्रस्तुतियों के बाद प्राचार्य ने मंच से सभी का आभार व्यक्त किया और विद्यार्थियों को देशप्रेम एवं सामाजिक एकता के संदेश के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन मिठाई वितरण के साथ हुआ, जिससे छोटे-बड़े सभी के चेहरे खिल उठे।
पूरे आयोजन में देशभक्ति का जोश, भक्ति की गहराई, अनुशासन और सृजनात्मकता का सुंदर मेल देखने को मिला। उपस्थित अभिभावकों, अतिथियों और विद्यालय परिवार ने इसे विद्यालय के सबसे सफल और यादगार आयोजनों में से एक माना।