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पोखरण में कम दूरी की मिसाइल का डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पोखरण में चौथी पीढ़ी की बेहद कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइल के तीन सफल परीक्षण किए हैं। यह वायु रक्षा प्रणाली रूस के S-400 सिस्टम जैसी है, जिससे दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को बचने या भागने का मौका नहीं मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी और कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह मिसाइल सशस्त्र बलों को हवाई खतरों से निपटने में और सक्षम बनाएगी।
VSHORADS का वजन 20.5 किलोग्राम है, जिसकी लंबाई लगभग 6.7 फीट और व्यास 3.5 इंच है। यह मिसाइल 2 किलोग्राम के हथियार के साथ 250 मीटर से 6 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है और 11,500 फीट तक की ऊँचाई तक जा सकती है। इसकी अधिकतम गति मैक 1.5 यानी लगभग 1800 किमी प्रति घंटे है। इससे पहले इसका परीक्षण मार्च 2023 और 27 सितंबर 2022 को किया गया था। परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाते हुए उन्हें नष्ट किया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं में भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। यह मिसाइल दोहरी थ्रस्ट सॉलिड मोटर से संचालित होती है और इसका उद्देश्य कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई खतरों को बेअसर करना है। उड़ान परीक्षणों के दौरान भारतीय सेना और रक्षा उद्योग के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।रक्षा मंत्री ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और रक्षा उद्योग जगत को बधाई दी और कहा कि यह नई प्रणाली हमारे सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से और सशक्त करेगी।
