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वाराणसी

“पापा यहां से ले चलो, ये पट्टा भिगोकर मारते हैं”

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वाराणसी। मानसिक विक्षिप्तों के इलाज के नाम पर प्राइवेट मेंटल असाइलम में अमानवीयता का मामला सामने आया है। आजमगढ़ के महराजगंज निवासी पीड़ित के परिजनों ने एडिशनल पुलिस कमिश्नर शिवहरी मीणा से मिलकर शिकायत की है। परिजनों का आरोप है कि वाराणसी के खुशहाल सेवा समिति नामक प्राइवेट पागलखाने में मानसिक विक्षिप्तों को सुबह-शाम चमड़े के पट्टे भिगोकर मारा जाता था।

पीड़ित के बड़े भाई चंद्रप्रकाश गुप्ता ने बताया कि 26 मई को पिता भानू गुप्ता छोटे भाई को वाराणसी के दीन दयाल मानसिक चिकित्सालय लेकर आये थे। इलाज के पहले एक दलाल ने डराकर उन्हें चांदमारी रोड के पास सूर्योदय हॉस्पिटल के पास बने खुशहाल सेवा समिति पहुंचा दिया। वहां मनीष सिंह नामक व्यक्ति ने हर महीने 6 हजार रुपए में इलाज कराने को कहा। भरोसा कर उन्होंने बेटे को वहीं एडमिट करवा दिया।

एक महीने बाद मौसी जब मिलने गयी तो भाई की हालत देखकर घबरा गईं। शरीर पर चोट के निशान थे। पिता को बुलाने पर छोटा भाई रोते हुए बोला – “पापा यहां से ले चलो, ये पट्टा भिगोकर मारते हैं।” इसके बाद परिवार वाले उसे किसी तरह बाहर निकालकर मौसी के घर ले गए।

इस मामले में एडिशनल पुलिस कमिश्नर से शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं वाराणसी मानसिक चिकित्सालय के निदेशक डॉ. चंद्र प्रकाश मल्ल ने कहा कि हम समय-समय पर दलालों को लेकर सर्च अभियान चलाते हैं। अगर कोई संदिग्ध नियमित रूप से आता है तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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