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परमाणु दौड़ में भारत की मजबूती, लेकिन चीन बना बड़ी चुनौती

नई दिल्ली। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नई रिपोर्ट ‘SIPRI इयरबुक 2025’ में वैश्विक परमाणु शक्ति संतुलन को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास इस समय 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 और चीन के पास 600 से अधिक हथियार मौजूद हैं। चीन की परमाणु क्षमता भारत और पाकिस्तान दोनों से कई गुना ज़्यादा है और इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है।
भारत ने 2024 में अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया और नई डिलीवरी प्रणालियों पर काम जारी रखा। यह रणनीति भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
वहीं चीन ने पिछले एक साल में 100 से अधिक नए हथियारों को जोड़ा है और 350 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) साइलो भी तैयार किए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की नीति अब केवल न्यूनतम प्रतिरोध की नहीं, बल्कि वैश्विक सैन्य वर्चस्व की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है।
पाकिस्तान भले ही संख्या में पीछे है, लेकिन उसका फोकस परमाणु शस्त्रों के आधुनिकीकरण और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने पर है।
रूस और अमेरिका के पास अब भी सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार हैं, लेकिन SIPRI की चेतावनी है कि वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों की संख्या में फिर से तेज़ी से वृद्धि हो सकती है।
यह रिपोर्ट इस ओर संकेत करती है कि आने वाले वर्षों में वैश्विक परमाणु रणनीतियों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।