वाराणसी
पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र की पुत्रियों में संपत्ति को लेकर विवाद

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी।वाराणसी के परेड कोठी स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता कर पत्रकारों को नम्रता मिश्रा ने बताया हम सब परिवार एक साथ रहते थे तथा हम ममता मिश्रा, भाई पं० राम कुमार मिश्र सभी लोग एक राय होकर किसी मुद्दे पर विचार विमर्श करते रहते थे। लेकिन नम्रता की मंशा दूषित होने के कारण कुछ चीजें जैसे पिताजी का संचित कोष, माता जी का गहना हड़पने के नियत तथा मकान फर्जी (महमूरगंज) तरीके से कुटरचित दस्तावेज जिसमें मेरा व भईया पं० राम कुमार मिश्र जी का फर्जी का दस्तखत करके नगर निगम से अपना नाम चढ़वा लिया है जो कि सरासर गलत है जब मैंने अपने अधिवक्ता द्वारा मुआयना कराया तब इस धोखाधड़ी का पता चला। इन्हीं सब बातों को लेकर पिताजी के द्वारा मीडिया में झूठ कहलवाकरअपने प्रभाव में लकर मनगढ़ंत बेबुनियाद विधिविरुद्ध तरीके से समाज और रिश्तेदारों में मेरी छवि खराब करने का प्रयास किया। सत्यता यह है कि मेरी शादी के बाद से ही नम्रता की नीयत सही नहीं थी हम दोनों पति-पत्नी को पिताजी से ना तो मिलने देती। ना ही बात करने देती है। नम्बर ब्लाक कर रखा है हमारा अप्रैल 99 (2023) को होटल Castile में मीटिंग के समय गुस्से में नम्रता ने मेरी बांये हाथ की छोटी अंगुली मरोड़ कर तोड़ दी। मुझे अब यह डर है कि जो मेरी अंगुली तोड़ सकती है वह कुछ भी कह सकती है। क्योंकि वह भी वसीयत कराने की बात को लेकर मुझे और मेरे पति को झूठे केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी दिया करती थी। मुझे डर है कि वह मुझे किसी भी तरह का नुकसान पहुँचा सकती है। पिछली प्रेस कान्फ्रेंस में नम्रता ने पिताजी से जो बुलवाया वह गलत था जिससे पिताज की का कोई हाथ नहीं है ना उनकी कोई मंशा थी मुझे अपने पिताजी से कोई भी शिकायत नहीं है वो वास्तविकता से अनभिज्ञ है।