गाजीपुर
पंचायत भवनों पर निर्माण-सामग्री के नाम पर लाखों गटक गये सचिव और ग्राम प्रधान
जमानियां (गाजीपुर) जयदेश। विकास खंड जमानियां के अंतर्गत अधिकांश ग्राम सभाओं में पंचायत भवनों का निर्माण या मरम्मत कार्य हुआ है। शासन ने पंचायत भवनों को ग्रामीणों के लिए सुविधाजनक बनाने हेतु कंप्यूटर, इन्वर्टर, बैटरी, टेबल, कुर्सी, बेंच जैसी सामग्रियों की व्यवस्था के लिए लाखों रुपये खर्च किए। उद्देश्य था कि ग्रामीणों को विकास खंड कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पंचायत भवनों से ही मिल सके।
लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। अधिकांश पंचायत भवनों पर सामग्रियां या तो उपलब्ध नहीं हैं, या फिर केवल कागजों पर ही भुगतान दिखाया गया है। यहां तक कि कई भवनों की स्थिति ऐसी है कि वे झाड़ियों में तब्दील हो चुके हैं।
लाखों खर्च, लेकिन सुविधाएं गायब
पंचायत भवन निर्माण की अनुमानित लागत ₹17.46 लाख बताई जा रही है। भवनों में बैठक कक्ष, कार्यालय, कर्मी आवास, बरामदा, शौचालय जैसे आधुनिक सुविधाएं होनी चाहिए थीं। बावजूद इसके, अधिकतर भवनों पर ये व्यवस्थाएं पूरी नहीं की गईं। ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य की जिम्मेदारी ली जाती है, लेकिन अधिकांश मामलों में यह केवल कागजों पर पूरा होता है।
पंचायत भवनों में सहायकों की नियुक्ति हो चुकी है और उन्हें ग्राम सभाओं से वेतन भी दिया जा रहा है। लेकिन जिन भवनों पर सुविधाओं का अभाव है, वहां सहायकों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
कुछ पंचायत भवनों की स्थिति इतनी खराब है कि वे अब वीरान और झाड़ियों से घिरे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी और कर्मचारी इस समस्या से अनजान नहीं हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ग्रामीणों का सवाल है कि जब लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, तो सुविधाएं क्यों नहीं मिल रहीं? पंचायत भवनों पर शासन की योजनाओं का लाभ कब मिलेगा? क्या लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई होगी, या यह लूट जारी रहेगी?
