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चन्दौली

निर्वाचन में व्याप्त भ्रष्टाचार की खुली पोल!

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वाहन स्वामी को नहीं मिली चवन्नी, दूसरा गटक गया हजारों रुपये (भाग-एक)

चंदौली (जयदेश)। सम्पूर्ण भारत में यदि न्यायालय के बाद कोई विश्वसनीय संस्था है, तो वह है निर्वाचन। लेकिन जनपद चंदौली का निर्वाचन कार्यालय भी भ्रष्टाचार की एक नई मिसाल पेश कर रहा है। एक भेंटवार्ता के दौरान नेगुरा निवासी विमलेन्दु प्रकाश दुबे ने बताया कि विगत चुनाव वर्ष 2024 ई. में उनकी बोलेरो यूपी 67 एटी 8421 लगी थी। लेकिन धूरीकोट निवासी राकेश यादव ने दस रुपये के स्टाम्प पेपर पर बेंचीनामा बनवाकर 81,974 रुपये की धनराशि गटक ली है।

विमलेन्दु प्रकाश दुबे ने बताया कि बेंचीनामा पर मेरा हस्ताक्षर फर्जी है। इससे निर्वाचन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। उल्लेखनीय है कि विगत चुनाव में 26 अप्रैल 2024 ई. को विमलेन्दु प्रकाश दुबे ने चालक बृजेश कुमार यादव के माध्यम से बोलेरो यूपी 67 एटी 8421 को चुनाव के दौरान लगाया था।

चुनाव समाप्त होने के कुछ माह बाद जब मैं निर्वाचन कार्यालय में वाहन संख्या यूपी 67 एटी 8421 के पैसे की बाबत गया, तो निर्वाचन कार्यालय में तैनात बाबू ने बताया कि आपकी गाड़ी का भुगतान राकेश यादव धूरीकोट को कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने दस रुपये के स्टाम्प पेपर पर गाड़ी का बेंचीनामा लगाया है।

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विमलेन्दु प्रकाश दुबे ने बताया कि परिवहन विभाग में वाहन मेरे नाम से पंजीकृत है। साथ ही वह फाइनेंस पर है। उसकी किस्त लगातार जमा की जा रही है। अभी लगभग दो साल का फाइनेंस भी बाकी है। इस पर निर्वाचन कार्यालय का बाबू इधर-उधर के बहाने बनाकर मुझे टरकाता रहा।

विमलेन्दु प्रकाश दुबे ने बताया कि मेरी बोलेरो चुनाव के दौरान लगभग 36 दिन तक चली है। उसका कुल भुगतान 81,974 अर्थात इक्यासी हजार नौ सौ चौहत्तर रुपए हुआ है।

महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जब निर्वाचन कार्यालय में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ, तो आज तक मुकदमा पंजीकृत क्यों नहीं हुआ? दिलचस्प बात यह है कि बोलेरो यूपी 67 एटी 8421 के वाहन स्वामी आज भी अपने पैसे के लिए दर-दर भटक रहा है। अर्थात वाहन स्वामी को चवन्नी नसीब नहीं हुई है, वहीँ दूसरा हजारों रुपये गटक गया है। जिलाधिकारी चंदौली से जब मोबाइल पर संपर्क किया गया तो स्टोनो ने कहा कि साहब, बैठेंगे तो बात करा दूंगा।

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