Connect with us

वाराणसी

निजी चिकित्सक स्वयं करें क्षय रोगियों का पंजीकरण, नहीं तो होगी कार्यवाही

Published

on

• नोटिफिकेशन करने व उपचार पूरा होने पर आउटकम देने के लिए सरकार से मिलते हैं 1000 रुपये
• आईएमए सदस्यों से की अपील, क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में करें पूर्ण सहयोग

वाराणसी| राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सभी रोगियों (निजी अस्पतालों तथा सरकारी अस्पतालों) का पोर्टल पर नोटिफिकेशन करना अनिवार्य है। वर्ष 2019 से 31 दिसंबर 2021 तक निजी चिकित्सकों के क्षय रोगियों का पंजीकरण कराने के लिए एक संस्था काम कर रही थी। लेकिन अब जनपद में निजी चिकित्सकों, मेडिकल स्टोर या लैब को क्षय रोगियों के पंजीकरण की जिम्मेदारी स्वयं ही निभानी होगी। पंजीकरण न होने की स्थिति में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने दी।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि 31 दिसंबर तक जनपद के करीब 200 चिकित्सक अपने यहां पंजीकृत क्षय रोगियों की जानकारी संस्था को दे रहे थे। लेकिन 31 दिसंबर के बाद संस्था का कार्यकाल समाप्त होते ही उनके द्वारा नोटिफिकेशन के कार्य में रुचि नहीं ली जा रही है और लगातार इस कार्य में कोताही बरती जा रही है। जबकि सरकार द्वारा निजी चिकित्सकों को प्रति क्षय रोगी के नोटिफिकेशन करने के लिए 500 रुपये और उपचार पूरा होने पर आउटकम देने के लिए भी 500 रुपये दिये जाते हैं। उन्होने कहा कि जिन निजी चिकित्सालयों/चिकित्सकों के अंतर्गत क्षयरोगियों का उपचार चल रहा है, उस चिकित्सालय/चिकित्सक से नामित व्यक्ति ही एक जनवरी 2022 से निक्षय पोर्टल पर क्षय रोगियों के पंजीकरण का कार्य करेंगे। इसके साथ ही उनके नमूनों की जांच के लिए स्पुटम कलेक्शन और अस्पताल पर ही सैम्पल पैकेजिंग का भी काम करेंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने समस्त इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सदस्यों से अपील की है कि शासन के निर्देश के क्रम में नये टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन कराना हमारी जिम्मेदारी है। अतः आप सभी लोग शत-प्रतिशत क्षय रोगियों का नोटिफिकेशन करना सुनिश्चित करें। संस्था के जाने के बाद निजी क्षेत्र के टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन अत्यन्त कम हो रहा है, जिस पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गम्भीर चिन्ता व्यक्त कर चेतावनी जारी की है। उन्होने कहा कि यदि कोई निजी चिकित्सक नोटिफ़ाई किए बिना दवा दे रहा है और मरीज का पर्चा प्राप्त होता है तो उनके विरुद्ध आईपीसी की सुसंगत धारा 269 व 270 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होने आईएमए के समस्त सदस्यों से राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग प्रदान करने की अपील की है। नोटिफिकेशन से संबन्धित किसी भी प्रकार की आवश्यकता होने पर जिला क्षय रोग अधिकारी (9450542799), डीपीसी संजय चौधरी (8810713084) व पीपीएम समन्वयक नमन गुप्ता (8810713083) के मोबाइल नंबर पर सम्पर्क किया जा सकता है।

क्या है आईपीसी 269 – लापरवाही से काम करने से जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना है, जो कोई भी अनजाने में या लापरवाही से कोई ऐसा कार्य करता है जो वह जानता है या उसके पास है। यह विश्वास करने के लिए कि जीवन के लिए किसी भी बीमारी के खतरे के संक्रमण को फैलाने की संभावना है, को किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे बढ़ाया जा सकता है छह महीने तक, या जुर्माना, या दोनों के साथ ।

क्या है आईपीसी 270 – किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया कोई घातक कार्य जिससे संक्रमण फैलने की संभावना है और जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है, तो उसको किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे बढ़ाया जा सकता है दो साल तक, या जुर्माना, या दोनों के साथ ।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page