वाराणसी
धोखाधड़ी और जालसाजी केस में आरोपित को मिली जमानत
वाराणसी। लोन दिलाने का झांसा देकर संगठित तरीके से धोखाधड़ी करने और दुकानदार का मोबाइल, आधार कार्ड व पैन कार्ड हड़पने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गई। न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) प्रियल शर्मा की अदालत ने आरोपित आयुष्मान यादव उर्फ अंश यादव को 25-25 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश सुनाया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, डी.एन. यादव, नरेश यादव और संदीप यादव ने पैरवी की।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक जीवधीपुर, किरहिया निवासी वादी पंकज कुमार ने 27 अगस्त 2025 को भेलूपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वादी अपनी दुकान पर बैठा था, तभी आकाश सोनकर, अरुण शर्मा, राहुल राय, नवीन, आयुष्मान उर्फ अंश यादव और विजय नामक व्यक्ति दुकान पर पहुंचे और लोन दिलाने का झांसा देकर खाता खुलवाने की बात कही। उनके कहने पर वादी ने खाता खोलने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और हस्ताक्षरित फॉर्म सौंप दिया।
अगले दिन आरोपितों ने उसका मोबाइल फोन भी ले लिया और कहा कि शाम तक लोन की प्रक्रिया पूरी कर दस्तावेज व मोबाइल लौटा देंगे। लेकिन बाद में वादी को न तो मोबाइल मिला और न ही कोई दस्तावेज। जब उसने अपने कागजात और मोबाइल वापस मांगे तो आरोपितों ने गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित को जानकारी मिली कि यह सभी आरोपी संगठित गिरोह बनाकर ठगी की वारदात अंजाम देते हैं।
पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की और आरोपित आयुष्मान यादव उर्फ अंश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से भारी मात्रा में आधार कार्ड, पैन कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद हुए थे। हालांकि अब अदालत से उसे जमानत मिल गई है।
