गाजीपुर
धान क्रय केंद्रों को लेकर भानु प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी को सौंपा पत्र, किसानों के हित में पुनर्विचार की मांग
सेवराई (गाजीपुर) जयदेश। भारतीय किसान यूनियन तहसील सेवराई के तहसील अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी गाजीपुर को पत्र सौंपकर तहसील क्षेत्र में धान क्रय केंद्रों के अनुमोदन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग द्वारा जिस प्रकार ग्राम उसीया और रक्सहां में नए धान क्रय केंद्रों को खोले जाने की स्वीकृति दी गई है, वह पूरी तरह औचित्यहीन है और केवल राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से किया गया है।
भानु प्रताप सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि तहसील सेवराई अंतर्गत ग्राम उसीया में सारेवाडी तथा ग्राम रक्सहां में गंगौली कार्यरामचाद समिति के नाम पर धान क्रय केंद्र खोले जा रहे हैं। जबकि दोनों ग्राम दिलदारनगर मंडी से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
उन्होंने कहा कि दिलदारनगर मंडी में विगत 25 वर्षों से विभिन्न संस्थाओं द्वारा चार से पाँच क्रय केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनकी अनुमानित दैनिक क्रय क्षमता 1800 से 2400 कुंतल है। इन केंद्रों पर लगभग 60 प्रतिशत धान की खरीद इन्हीं दोनों ग्रामों के किसानों से होती है, जिसकी पुष्टि विभाग के ऑनलाइन पोर्टल से भी की जा सकती है।
पत्र में कहा गया कि विगत वर्षों में ग्राम बहुवारा में भी धान क्रय केंद्र संचालित होता था, जहाँ से बहुवारा, सरतुला, चिंदपुरवा और कुछ रक्सहां के किसानों को लाभ मिलता था। वहीं उसीया के बगल में ग्राम फरीदपुर में केंद्र खुलने पर फरीदपुर, महना और उसीया के किसान भी लाभान्वित हो सकते हैं।
भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि अनुमोदित नए क्रय केंद्र केवल पंचायत चुनाव में राजनीतिक लाभ और कुछ चुनिंदा व्यक्तियों के हित साधन के लिए खोले जा रहे हैं। इससे स्थानीय माहौल बिगड़ने की भी आशंका है। उन्होंने कहा कि अधिकांश किसान पहले से ही दिलदारनगर मंडी में अपने धान की बिक्री करते हैं, जहाँ पर्याप्त स्थान और सुविधाएं उपलब्ध हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “ए.आर. को-ऑपरेटिव गाजीपुर” द्वारा पैसे लेकर यह कृत्य किया गया है। मंडी स्थल दिलदारनगर मीला उसीया में स्थित है, जिसे अब दिलदारनगर कस्बे में शामिल कर लिया गया है। यहां पर पिछले 25 वर्षों से उसीया और रक्सहां क्षेत्र के किसानों का धान खरीदा जाता रहा है। वर्तमान में मंडी में कृषि उत्पादन मंडी परिषद के दो और खाद्य विभाग के दो केंद्र संचालित हैं, जहां प्रति वर्ष लगभग 90,000 कुंतल धान की खरीद होती है।
उन्होंने सवाल उठाया कि दो किलोमीटर की परिधि में छह-छह केंद्र संचालित करने की क्या आवश्यकता है, जबकि तहसील के अन्य ग्राम जैसे अमीरा (15,000 कुंतल उत्पादन), मनीया (12,000 कुंतल) और बहुवारा (10,000 कुंतल) में एक भी केंद्र नहीं खोला गया है।
भानु प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी से मांग की है कि खाद्य विभाग के दो मंडी केंद्रों को अमीरा, मनीया और बहुवारा जैसे ग्रामों में संचालित कराया जाए ताकि किसानों का शोषण न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो वे अपने जिला अध्यक्ष के साथ आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे।
प्रतिलिपि पत्र जिलाधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, सहायक निबंधक सहकारिता तथा किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष को भी भेजी गई है।
