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वाराणसी

देश का सच्चा सेवक और लोकतंत्र के पुजारी पटेल ― डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

आज का इतिहास पटेल का इतिहास― प्रोo अनुराग कुमार

वाराणसी। महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान में मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर ” वर्तमान समय की राजनीतिक, सामाजिक चेतना में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की प्रासंगिकता” विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती जी एवं सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ।
इसी कड़ी में संस्थान की छात्रा, आस्था और आकांक्षा ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ नागेंद्र कुमार सिंह ने अपने बीज वक्तव्य में कहा कि भारत आज सबसे ज्यादा युवाओं वाला देश है परन्तु आज़ादी से पूर्व हमारे पूर्वजों ने खूब संघर्ष किया और देश को आज़ाद कराया। स्वतंत्रता के बाद देश को एकता,अखण्डता को बिना रक्त बहाए बनाये रखने में पटेल की अहम भूमिका रही। पटेल देश के सच्चे सेवक और लोकतंत्र के सच्चे पुजारी हैं।। जिस अखण्ड भारत की संकल्पना पटेल ने की उसको पूरा वर्तमान प्रधानमंत्री ने किया। कार्यक्रम में उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा आयोजित ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान का भी जिक्र किया और कहा कि इसके माध्यम से युवावों में राष्ट्रवाद की प्रेरणा को जगाने का काम मोदी ने किया। देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने का कार्य सरदार पटेल ने किया। वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में उनकी जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। मोदी ने देश की एकता में योगदान को याद रखने के लिए सबसे ऊँची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया।उन्होंने सरदार पटेल की स्मृति में एक कविता भी सुनाई।अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए संस्थान के निदेशक प्रोo अनुराग कुमार ने भारत की आज़ादी के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की आज़ादी एकहरी नही रही है इसमें पुरुषों के साथ महिलाओं का बराबर का योगदान रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जिस क्षण हम इतिहास के पन्नों को पलटते हैं तो हम इतिहास का समय से संवाद करते हैं। जब हम इतिहास के चरित्र को बाहर निकालते हैं तो वो अकेला नही निकलता है इसके साथ तमाम लोग को याद किया जाता है क्योंकि नायक अकेले नही आते हैं। इतिहास के परिदृश्यों को याद करते हुए कहा कि किस तरह भारत विभाजन के मसौदे को पटेल और नेहरू ने नकार दिया। इतिहास हमे हारना नही जीतना सिखाता है और पटेल उसके नायक है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन विदुषी वर्मा एवं आशुतोष त्रिपाठी और धन्यवाद ज्ञापन अभविप की प्रिया रॉय ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दिव्यांशु, मंगलम तिवारी,युवराज, प्रियांशु वर्मा,साक्षी शुक्ला,अदिति,अनिशा,साक्षी अग्रवाल,आशुतोष,विवेकानंद, रूद्रकांत,प्रियांशु,अमित,दीपक,सचिन आदि मौजूद रहे।

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