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अपराध

दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष की कैद

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सोनभद्र। नौ वर्ष पूर्व नाबालिग  लड़की का अपहरण कर उसके साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर  दोषी रामसेवक कोल को 10 वर्ष की कैद एवं 30 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 24 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने  चोपन थाने में 8 जनवरी 2016 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि 27 जनवरी 2015 को  दोपहर बाद तीन बजे  उसकी साढ़े 14 वर्षीय नाबालिग बेटी को रामसेवक कोल पुत्र  रामनरेश कोल निवासी पटवध, थाना चोपन, जिला सोनभद्र बहला फुसलाकर अपहरण कर भगा ले गया। बेटी की हर संभावित जगहों पर काफी खोजबीन करने के बाद  भी पता नहीं चला। आवश्यक कार्रवाई करें।

इस तहरीर पर पुलिस ने  एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में अपहरण, दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।  मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामसेवक कोल को 10 वर्ष की कैद एवं 30 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 24 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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