गाजीपुर
दिलदारनगर स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का टोटा, झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे मरीज

गाजीपुर। जिले के दिलदारनगर स्थित नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बदहाल है। डेढ़ साल से डॉक्टर की अनुपस्थिति ने मरीजों को गंभीर संकट में डाल दिया है। मजबूरी में स्थानीय लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठ रहे हैं।
डॉक्टर का ट्रांसफर, अस्पताल हुआ खाली
स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर का डेढ़ वर्ष पहले बलिया ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद फार्मासिस्ट अखिलेश कुमार कैथवाल के भरोसे अस्पताल का संचालन हो रहा था। लेकिन छह महीने पहले उनके भी स्थानांतरण के बाद अस्पताल पूरी तरह असहाय हो गया है।
फिलहाल, अस्पताल में केवल एलए रामायण प्रसाद और वार्ड बॉय एजाजउलहक मौजूद हैं। ये किसी तरह पुरानी पर्चियों के आधार पर मरीजों को दवाइयां दे रहे हैं। गंभीर मरीजों को भदौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है।
मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे
डॉक्टर की अनुपस्थिति का खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है। इलाज के लिए स्थानीय लोग झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा ले रहे हैं, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) सुनील पांडे ने बताया कि जिले में डॉक्टरों की भारी कमी है। जैसे ही नए डॉक्टरों की नियुक्ति होगी, दिलदारनगर स्वास्थ्य केंद्र पर तैनाती कर दी जाएगी।
स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली को लेकर ग्रामीणों और मरीजों में आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार को इस समस्या पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। ग्रामीणों ने मांग की है कि स्वास्थ्य केंद्र पर जल्द से जल्द डॉक्टरों की तैनाती की जाए, ताकि उन्हें सही इलाज मिल सके।