वाराणसी
“तुम छात्र-युवाओं के नेता हो, कभी किसी गुंडे को सलाम मत करना”

देवव्रत मजूमदार की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
वाराणसी। महान छात्र नेता और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष स्वर्गीय देवव्रत मजूमदार की पुण्यतिथि पर रविवार को जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष और अधिवक्ता विकास सिंह के आवास पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में उनके सहयोगी वहीदुल्लाह खान सईदी उर्फ मास्टर साहब ने देवव्रत जी को याद करते हुए कहा, “मैंने देवव्रत जी के साथ कई बार काम किया है और उनके नेतृत्व और सिद्धांतों को करीब से देखा है। देवव्रत जी हमेशा छात्रों और युवा नेताओं को यही सिखाते थे — तुम छात्र-युवाओं के नेता हो, कभी किसी गुंडे को सलाम मत करना। उनका जीवन निडरता और जनहित के लिए समर्पण का प्रतीक था।”
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व उपाध्यक्ष कमलाकर त्रिपाठी एडवोकेट ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “देश की भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर देवव्रत जी की पैनी नजर थी। वे कहा करते थे — ‘रोटी हमेशा किनारे से टूटती है, बीच में से नहीं।’ यह देश उस रोटी की तरह है, जहां किनारों पर देश की अल्पसंख्यक आबादी निवास करती है — चाहे वह पश्चिम बंगाल हो, केरल हो, जम्मू-कश्मीर या कोई और किनारा। यदि आप देश की अल्पसंख्यक जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करेंगे, तो यह देश टूट जाएगा। मणिपुर से लेकर लेह-लद्दाख के हालात आज इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।”
जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व महामंत्री छात्रसंघ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा, “देवव्रत जी का जीवन हम सभी युवा कार्यकर्ताओं के लिए एक मार्गदर्शक है। उनका निडर संघर्ष और जनहित के प्रति समर्पण हमें सिखाता है कि सच्चाई और न्याय के लिए हमेशा आवाज उठानी चाहिए। उनकी स्मृतियां हमें लगातार प्रेरित करती रहेंगी।”
कार्यक्रम में युवा कांग्रेस के सदस्यों ने स्वर्गीय देवव्रत मजूमदार जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। उपस्थित कार्यकर्ताओं ने उनके जीवन और राजनीतिक योगदान पर चर्चा करते हुए उन्हें छात्र राजनीति का प्रेरक सूत्रधार बताया।
देवव्रत मजूमदार जी का जीवन और योगदान:
देवव्रत जी ने बीएचयू छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में छात्रों के हितों के लिए लगातार संघर्ष किया। वे विशेष रूप से ‘अंग्रेजी हटाओ आंदोलन’ के अग्रणी नेताओं में से एक रहे। उनकी सक्रियता ने न केवल छात्र राजनीति, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी दिशा दी। सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें छात्र राजनीति का ‘भीष्म पितामह’ बना दिया।
कार्यक्रम में युवा कांग्रेस के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अधिवक्ता उमाकांत यादव, डॉ. अंबुज, अधिवक्ता विकास सिंह, अधिवक्ता सुनील कुमार मिश्र, अधिवक्ता अनूप कुमार पांडेय, अजीत पांडेय, अधिवक्ता अजहर, सुधांशु तिवारी, विनय राय सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया कि वे देवव्रत मजूमदार जी के आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे।