गोरखपुर
डिजिटल युग में सिविल डिफेंस को मिलेगा नया स्वरूप, जनजागरूकता बढ़ाने के निर्देश
ब्लैकआउट जैसी आपात स्थितियों के लिए बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करना जरूरी: डीएम
गोरखपुर। गोरखपुर में नागरिक सुरक्षा संगठन (सिविल डिफेंस) के 63वें स्थापना दिवस के अवसर पर भव्य रूट मार्च और वार्डन सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। शनिवार को एम.एस.आई. इंटर कॉलेज के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान तकनीकी सशक्तिकरण, जनजागरूकता और सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग पर विशेष बल दिया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी एवं नियंत्रक नागरिक सुरक्षा, दीपक मीणा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया जनता तक पहुंचने का सबसे तेज और सुलभ माध्यम है। उन्होंने नागरिक सुरक्षा संगठन को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए एक समर्पित आईटी टीम के गठन का निर्देश दिया। यह टीम फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों को आपदा प्रबंधन, प्राथमिक उपचार, अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की जानकारी साझा करेगी।
जागरूकता और तकनीकी प्रयास
जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि नागरिकों को जागरूक करना संगठन का प्राथमिक कर्तव्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि छोटे वीडियो, इन्फोग्राफिक्स और मॉक ड्रिल के क्लिप्स के माध्यम से बच्चों और युवाओं को आसानी से शिक्षित किया जा सकता है। उन्होंने विशेष रूप से ‘ब्लैक आउट’ जैसी आपात स्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करना जरूरी है ताकि वे घबराएं नहीं और सुरक्षित स्थान पर रहकर बड़ों के निर्देशों का पालन करें।
मनोवैज्ञानिक मजबूती और सम्मान
डीएम ने आपातकालीन घटनाओं के दौरान लोगों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सही जानकारी के अभाव में लोग गलत दिशा में भागने लगते हैं, जिससे जान-माल का नुकसान बढ़ जाता है। ऐसे में सिविल डिफेंस के वार्डन सही दिशा-निर्देश देकर भीड़ को नियंत्रित करने और लोगों का मनोबल बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
समारोह के दौरान संगठन के उत्कृष्ट कार्य करने वाले वार्डनों को सम्मानित किया गया और समाज सेवा के प्रति उनके जज्बे की सराहना की गई। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारियों सहित नागरिक सुरक्षा संगठन के तमाम पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।
