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डिजिटल ठगी पर लगेगी लगाम, गृह मंत्रालय ने बनाया मास्टर प्लान

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देश में डिजिटल ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाते हुए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। यह कमिटी डिजिटल ठगी के मामलों की जांच करने वाली एजेंसियों और पुलिस की कार्यवाही की निगरानी करेगी। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने हाल ही में अपने “मन की बात” कार्यक्रम में चर्चा की थी।

समिति का नेतृत्व स्पेशल सेक्रेटरी इंटरनल सिक्योरिटी करेंगे जिन्हें अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव की निगरानी में काम करने वाली इस समिति की जानकारी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को दी गई है।

2024 में अब तक डिजिटल ठगी के 6,000 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र जिसे 14सी भी कहा जाता है। घोटालों में शामिल 6 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया है जिनका उपयोग ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा था। इसके अलावा, 709 मोबाइल एप्लिकेशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और 3.25 लाख फर्जी बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश जारी किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 27 अक्टूबर को अपने “मन की बात” के 115वें एपिसोड में नागरिकों को डिजिटल ठगी से सतर्क रहने और “रुको, सोचो और एक्शन लो” का मंत्र अपनाने का सुझाव दिया। गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच डिजिटल ठगी के कारण जनता को 120 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

साइबर अपराध समन्वय केंद्र के अनुसार इस अवधि में 46% ठगी के मामले दक्षिण एशियाई देशों जैसे कंबोडिया, लाओस और म्यांमार से संचालित किए जा रहे हैं, जिससे भारत में अब तक 1776 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

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