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अपराध

ट्रेजरी अधिकारी बनकर पुलिस पेंशनरों के खातों से लगभग 5 से 6 करोड़ रूपये निकालने वाले गैंग का सरगना अपने साथी के साथ गिरफ्तार

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रिपोर्ट : मनोकामना सिंह
वाराणसी। ट्रेजरी अधिकारी बनकर पुलिस पेंशनरों के खातों से लगभग 5 से 6 करोड़ रूपये निकालने वाले गैंग का सरगना अपने साथी के साथ गिरफ्तार, 4 मोबाइल, 1 लैपटाप, 12 मोबाइल सिम बैंको के खातों के पासबुक मय चेकबुक 18,
आधार कार्ड -10, एटीएम कार्ड 20, पैन कार्ड- 2, पीली धातु सोने की 1 चैन, नकद 8420 रुपये व विभिन्न खातों में लगभग 11 लाख रूपये सीज ।
आवेदक उपेन्द्र कुमार सिंह S/O स्व0 जय मंगल सिंह निवासी ग्रा0 सेमरा पो0-सेमरा थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी पर सूचना दी गयी कि मे पुलिस विभाग से रिटायर हो चुका हूँ। 25 मार्च को मेरे मोबाइल पर 9330248072 से फोन आया उसने बताया कि मै ट्रेजरी से बोल रहा हूँ, आपका GPF का पैसा आ गया है, आप अपना खाता सं० व मोबाइल पर प्राप्त OTP बताइये मैने उसे बता दिया, जिसके बाद अगले दिन 26 मार्च को मेरे खाते से कुल 10 ट्रान्जेक्शन मे 1800000/- धोखे से निकाल लिया गया। जिस पर साइबर क्राइम थाना पर मु० असं०-0005/2022 धारा 417,420 भादवि व 66 जी आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।
इसी तरह से आवेदक लल्लन प्रसाद 25 वी वाहिनी पी0ए0सी रायबरेली व ग्रा०पो० बारा थाना गहमर जिला गाजीपुर द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी पर सूचना दी गयी कि में 25 वीं वाहिनी पी0ऐ0सी रायबरेली से कम्पनी कमान्डर सेवा से निर्विरित हुवा हूँ। 4 फरवरी को मेरे मोबाइल नम्बर 6388508707 पर मोबाइल नम्बर 9330370568 से काल आया था और बोले कि मैं गाजीपुर ट्रेजरी बोल रहा हूँ आप अपना पेंन्शन किस खाते से लेना चाह रहे है तो मैंने बताया कि ग्रामीण बैंक से लूगा तो उसने मेरा खाता संख्या • पूछा उसके बाद एक ऐप डाउनलोड करने को कहा कि स्पोर्ट ऐप डाउनलोड करवाया इसके बाद एक ओटीपी भेजा और कहा कि जो ओ०टी०पी० आऐगा ओसे बताना मयने ओ0टी0पी बता दिया उसने बोला कि आपका पेशन हो गया है ट्रेजरी गाजीपुर आना होगा जिस पर साइबर क्राइम थाना पर मु0अ0सं0 0005/2022 धारा 417,420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी और इस तरह से विभिन्न जनपदों के पेंशनरी से फ्राड की गयी है।
उपरोक्त प्रकरण में उच्चाधिकारीगण को भी अवगत कराया गया था, जिस पर अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी के सत्यनारायणा ● क्षेत्राधिकारी साइवर क्राइम अविनाश चन्द्र सिन्हा द्वारा साक्ष्य संकलन/ अनावरण एवं गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था तथा के. सत्यनारायण, पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र वाराणसी द्वारा क्रमवार मार्गदर्शन व दिशा निर्देश समय-समय पर दिया गया जिसके अनुपालन में संकलित साक्ष्यों के अवलोकन व सीडीआर एनालिसिस के उपरान्त अभियुक्त

  1. चन्दन सागर उर्फ चन्दन कुमार S/O राजेश कुमार R/O दवाली बिगहा धाना पारस बिगहा, जनपद जहानाबाद उम्र 22 वर्ष 2. संदीप कुमार चौबे उर्फ लकी S/O मनोज कुमार चौबे R/O चैन छपरा धाना हल्दी, बलिया उम्र करीब 25 वर्ष की संलिप्तता प्रमाणित हुई। जिस पर शनिवार को कैंटनमेंट वाराणसी के पास से अभियुक्त उपरोक्त को गिरफ्तार किया गया। विवेचनात्मक कार्यवाही पूरी कर उपरोक्त अभियुक्त का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा

है।

इस प्रकार करते थे अपराध

पकड़े गये अभियुक्तगण द्वारा बताया गया कि हमलोग पहले फोन पर झासा देकर आधार कार्ड व पैन का की छाया प्रति मगाते है औ आधार नं0 पैन नं0 बेस्ट कार्ड प्रिन्ट पोर्टल से सभी कुछ भरकर अपना फोटो लगाकर आधार कार्ड पैन कार्ड बना लेते हैं, हम लोग कई प्रकार से आधार कार्ड गलत ढंग से प्राप्त कर लेते हैं, इसके बाद पेंशनरों सरकारी कर्मचारियों व अन्य लोगों को फोन कर केवाईसी अपटेड या पेंशन के संबन्ध में खानापूर्ति के नाम फर्जी बैंक अधिकारी/ ट्रेजरी अधिकारी बनकर बैंक संबन्धी जानकारी प्राप्त कर व एनीडेस्क क्यूकसपोर्ट डाउनलोड कराकर उनके खातों से पैसा गायब कर देते है और प्राप्त पैसों को विभिन्न वालेट व खाता में डालकर • निकाल लेते है और आपस में बांट लेते हैं, जिससे काफी लाभ होता है और मैं भी लालच में आकर टीम में शामिल हो गया। सर, टीम में सभी का काम बटा है जैसे फर्जी सिम का व्यवस्था करना, फर्जी खाता नंबर का व्यवस्था करना, नेट से सर्व कर कर्मचारियों अधिकारियों व्यक्तियों का नंबर व विवरण प्राप्त करना, कर्मचारियों/अधिकारियों व्यक्तियों को फोन करना, फर्जी वालेट तैयार करना, ए. टी. एम. से पैसा निकालना, सरकारी लाभ के नाम पर विभिन्न लोगों ए.टी.एम. व पासबुक डाक से मंगाना आदि कार्य हम सभी मिलकर करते है। प्रत्येक फर्जी खाता के लिए सरकारी का 50000 रुपये तक तथा प्राइवेट बैंक का 250000 रूपये तक दिया जाता है, तथा फर्जी सिम का रेट 10 रूपये है। हमलोग अपना नाम व पता हमेशा गलत बताते है और ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर नहीं रहते है। हमलोग वाराणसी, कानपुर, अयोध्या, दिल्ली, जमशेदपुर, पटना, नालंदा आदि शहरों में जाकर खाता खुलवाते है फर्जी सिम प्राप्त करते है, जिसका प्रयोग साइबर अपराध में करते हैं।

पुलिस टीम के सदस्य थाना साइवर क्राइम वाराणसी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, क. आ. श्याम लाल गुमा, हे. का. आलोक कुमार सिंह, हे. का. प्रभात कुमार द्विवेदी, का. गोपाल चोहान, का. रविकान्त जायसवाल, का. पृथ्वीराज सिंह थे।

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