वाराणसी
टीबी मुक्त पंचायत अभियान की अलख जगाएँगे एनएसएस के वालंटियर
पीरामल फ़ाउंडेशन व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के बीच हुआ समझौता
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के केन्द्रीय पुस्तकालय में हुई संयुक्त बैठक
जनपद के चयनित 10-10 ग्राम पंचायतों में किया जाएगा मोबिलाइज़ेशन कार्य
वाराणसी: टीबी मुक्त पंचायत अभियान के प्रति समुदाय को जागरूक करने के लिए पीरमल फ़ाउंडेशन और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ है। अभियान की अलख जगाने के लिए एनएसएस के वालंटियर जनपद के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों को जागरूक करेंगे। इसी को लेकर बृहस्पतिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के केन्द्रीय पुस्तकालय में संयुक्त बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ रविन्द्र कुमार गौतम ने सभी डिग्री कॉलेज में स्थित एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी से अभियान में पूर्ण रूप से सहयोग करने की अपील की। एनएसएस, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण आदि क्षेत्र में लगातार प्रशासन का सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए टीबी मुक्त पंचायत अभियान बेहद महत्वपूर्ण अभियान है। टीबी लक्षण युक्त व्यक्तियों की जांच, सम्पूर्ण उपचार, आर्थिक मदद, पोषण व भावनात्मक सहयोग के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं गैर स्वयं सेवी संस्थाएं इस अभियान में समुदाय को जागरूक करने के लिए लगातार आगे आ रहे हैं। इसी क्रम में पीरामल फ़ाउंडेशन के साथ एक एमओयू साइन हुआ है, जिसके अंतर्गत सभी डिग्री कॉलेज में स्थापित एनएसएस विंग के वालंटियर संबन्धित क्षेत्र में लोगों को टीबी के लक्षण, कारण, जांच, उपचार आदि के बारे में जागरूक करेंगे। इसके साथ ही उपचाराधीन टीबी मरीजों को सम्पूर्ण उपचार कराने, एक भी दिन दवा न छोड़ने, प्रोटीन युक्त आहार लेने आदि के प्रति जागरूक करेंगे।
बैठक में पीरमल फ़ाउंडेशन के अरविंद गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की थी। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य व पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर पीरामल फ़ाउंडेशन ने वाराणसी के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चोलापुर ब्लॉक में टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें ग्राम प्रधान, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर चोलापुर की सभी 89 ग्राम पंचायतों में अभियान को सक्रिय रूप से संचालित किया गया। मोबाइल वैन चलाकर समुदाय को जांच व उपचार के लिए जागरूक भी किया गया। इसी तरह कार्य अब एनएसएस के साथ मिलकर शुरू किया जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक और समस्त डिग्री कॉलेज के समन्वयक से यही उम्मीद की है कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के प्रति जन जागरूकता को लेकर संयुक्त रूप से कार्य करने के लिए आगे आएं। अभियान की सफलता के लिए सभी आठ ब्लॉक से चयन किए गए 10-10 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों की भूमिका अहम होगी जो एनएसएस केवालंटियर को सहयोग करेंगे। ज्यादा से ज्यादा स्क्रीनिंग पर ज़ोर दिया जाएगा। इसकी सफलता को देखते हुए भविष्य में और भी जनपदों में मोबिलाइज़ेशन का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा अन्य स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा। अंत में उन्होंने “हाँ, हम टीबी को खत्म कर सकते हैं। टीबी हारेगा – देश जीतेगा” का संदेश दिया।
इसके अतिरिक्त बैठक में एनएसएस के लिए वर्ष 2022-23 के लिए 25 प्रतिशत अनुदान स्वीकृति के उपरांत प्रत्येक डिग्री कॉलेज के इकाई पोर्टल पर धनराशि प्रेषित कर दी गई है। इस धनराशि को आहरण के लिए डॉ जयशंकर सिंह तथा लालता प्रसाद ने जानकारी दी। इस मौके पर पीरामल फ़ाउंडेशन की रूबी सिंह, अवनीश राय, अमित कुमार शर्मा, सूरज, सायनी, हिमांशी, मनोज एवं एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी मौजूद रहे।