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राज्य-राजधानी

जम्मू-कश्मीर: राज्य का दर्जा बहाली का प्रस्ताव मंजूर, विपक्ष ने घेरा

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसमें केंद्र सरकार से केंद्र शासित प्रदेश को पुनः राज्य का दर्जा देने का आग्रह किया गया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के पूर्व स्वरूप को बहाल करने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ, जिसे उपराज्यपाल ने मंजूरी प्रदान की।

प्रवक्ता ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने से संवैधानिक अधिकारों की पुनः प्राप्ति और जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के समक्ष राज्य का दर्जा बहाल करने का मामला उठाने का अधिकार दिया है।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए सीएम दिल्ली जाएंगे

प्रवक्ता ने बताया कि नव-निर्वाचित सरकार की नीति का मुख्य आधार जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा बनी रहेगी। मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के लिए जल्द ही नई दिल्ली का दौरा करेंगे। साथ ही कैबिनेट ने 04 नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया है और उपराज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने व उसे संबोधित करने की सलाह दी गई है।

विपक्ष ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को घेरा

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पहले सत्र में उपराज्यपाल द्वारा विधानसभा को संबोधित करने के मसौदे पर मंत्रिपरिषद ने चर्चा की और तय किया कि इस पर आगे विचार किया जाएगा। विपक्षी दलों ने राज्य के दर्जे पर जोर देने और अनुच्छेद 370 को नजरअंदाज करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी), और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) सहित अन्य दलों ने इसे आत्मसमर्पण बताया और नेशनल कॉन्फ्रेंस को उनके चुनावी वादे—अनुच्छेद 370-35ए और राज्य का दर्जा बहाल करने—की याद दिलाई, इसे चुनाव पूर्व रुख से विचलन बताया।

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