मिर्ज़ापुर
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भागवत कथा का किया महिमा वर्णन, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

मिर्जापुर। प्रधानमंत्री के नवरत्नों में शुमार और विशिष्ट आध्यात्मिक व्यक्तित्व जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने श्रीमद्भागवत पुराण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका श्रवण, मनन और आचरण आत्म-कल्याण का श्रेष्ठ मार्ग है। उन्होंने यह संदेश डॉ भवदेव पाण्डेय शोध संस्थान, तिवराने टोला में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह के भंडारा कार्यक्रम में शामिल होकर दिया।
जगद्गुरु निर्धारित समय से चार घंटे विलंब से रात 10 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, परंतु उनकी एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही वे पहुंचे, ‘हर हर महादेव’, ‘जय श्रीराम’ और ‘जगद्गुरु की जय हो’ के नारों से वातावरण गूंज उठा। करीब 40 मिनट तक संस्थान में रुके जगद्गुरु ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और भंडारे में बने सादगीपूर्ण प्रसाद को भी ग्रहण किया।
जगद्गुरु ने कहा कि सनातन संस्कृति का मूल आत्म-कल्याण के साथ लोक-कल्याण में निहित है, और इसके लिए जीवन में सदाचार, संयम और धार्मिक मूल्यों को अपनाना अनिवार्य है।
भंडारे के अवसर पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) शिवप्रताप शुक्ल अपने परिवार के साथ उपस्थित रहे, जिन्हें जगद्गुरु ने विशेष आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक (सिटी) नितेश सिंह, प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट गुलाब प्रसाद, अपर आयुक्त डॉ विश्राम सहित अनेक गणमान्य जन मौजूद रहे। जेआरडी राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय ने शास्त्री पुल पर जगद्गुरु की अगवानी की और नगर की भीतरी सीमा तक अपनी इनोवा से उन्हें कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया, क्योंकि रथ के प्रवेश में दिक्कत हो रही थी।