वाराणसी
चिकित्सालयों में उपकरण व मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए दिया निर्देश
*चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिती समयानुसार सुनिश्चित करने के लिए होगी जियो टैगिंग, फेस रीडिंग, बायोमेट्रिक अटेंडेंस-जिलाधिकारी*
*बैठक में अनुपस्थित ग्रामीण क्षेत्र के चार अधीक्षकों का वेतन किया अवरुद्ध*
*शहरी पीएचसी कोनिया के संविदा चिकित्सक की सेवा समाप्ति का दिया आदेश*
रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में आज कैम्प कार्यालय पर जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय समस्त चिकित्सालयों में उपकरणों एवं मानव संसाधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया और कहा कि स्थानीय स्तर पर अपने स्रोतों से सामान्य उपकरणों की व्यवस्था करते हुये अन्य आवश्यक उपकरणों की मांग सक्षम स्तर से की जाए। उन्होने निर्देशित किया कि जिन चिकित्सालयों में उपकरण नहीं है या उपकरण खराब हैं या उनके संचालित करने वाले कर्मी नहीं है तो उसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। साथ ही स्वीकृत पदों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग में जनपद स्तर से भर्तियाँ की हैं उसे विज्ञापित कराया जाए। शहरी क्षेत्र के सामुदायिक एवं जिला स्तरीय चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिती समयानुसार सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इनकी उपस्थिती जियो टैगिंग, फेस रीडिंग, बायोमेट्रिक (जियो फैंस अटेंडेंस एप) के माध्यम से कराई जाए।
ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दी जा रही सेवाओं की समीक्षा में पाया कि चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुआरीकला, मिसिरपुर, नरपतपुर और बिरांवकोट के अधीक्षक बैठक में उपस्थित नहीं रहे। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुये चारों अधीक्षकों का एक दिन का वेतन अवरुद्ध करते हुये कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश जारी किया इसके अलावा लेखा के कार्य में लापरवाही बरतने पर स्वास्थ्य विभाग के लेखा प्रभारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी द्वारा बैठक में अवगत कराया गया कि शहरी क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोनिया पर संविदा चिकित्सक के रूप में कार्यरत डॉ राहुल झुनझुनवाला के कार्यों में कोई सुधार नहीं आ रहा है, जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा पूर्व में इन्हें कार्य में सुधार हेतु निर्देशित किया गया था, इस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुये सेवा समाप्ति का आदेश दिया।
जिलाधिकारी ने चिकित्सालयों से उत्सर्जित हो रहे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर विस्तार से समीक्षा की। उन्होने निर्देशित किया कि जनपद का कोई भी चिकित्सालय चाहे वह सरकारी हो या निजी क्षेत्र का हो, बगैर पंजीकरण के संचालित नहीं किए जाएंगे। निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों का पंजीकरण अथवा नवीनीकरण बिना पंजीकरण के न किया जाए। साथ ही निर्देशित किया कि जनपद के सरकारी चिकित्सालयों में गठित रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) के शासी निकाय की बैठक माह के अंत तक करा ली जाए तथा इस बैठक में विगत वर्ष और अब तक व्यय किए गए धनराशि की गहन समीक्षा की जाए। इस बैठक हेतु नामित अध्यक्ष उप जिलाधिकारी अथवा खंड विकास अधिकारी अवश्य उपस्थित रहें।
समीक्षा के दौरान एएनएम की ट्रेनिंग कराने पर जोर दिया गया जिससे उनके कार्य की गुणवत्ता अच्छी हो। जनपद के 34 स्वास्थ्य उपकेंद्र जहां एएनएम तैनात नहीं है, जिसके कारण इन उपकेन्द्रों के अंतर्गत आने वाले ग्राम सभाओं के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि एक उपकेंद्र पर जहां भी एक एएनएम से ज्यादा कार्यरत हैं अतिरिक्त एएनएम से रिक्त स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर तैनात कर दिया जाए। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं के क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण कर मानक के अनूरुप जनसंख्या का आवंटन करते हुये क्षेत्रों का निर्धारण कर दिया जाए तथा ग्रामवार जनसंख्या के अनुसार आशा कार्यकताओं का मांग पत्र प्रेषित किया जाए। जिलाधिकारी कोविड टीकाकरण एवं प्रबंधन की समीक्षा करते हुये कहा कि शहरी क्षेत्र में 12 से 18 वर्ष एवं उसके ऊपर के लोग कोविड टीकाकरण से वंचित हैं। इसके लिए वृहद स्तर अभियान चलाकर कोविड टीकाकरण से आच्छादित किया जाए।
एक जुलाई से शुरू होगा संचारी रोग नियंत्रण माह – इसी बैठक में एक जुलाई से संचालित होने वाले संचारी रोग नियंत्रण माह अभियान की तैयारियों व कार्य योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। साथ ही जल्द से जल्द माइक्रोप्लान भेजने का निर्देश दिया। सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर उनकी कार्य योजना बिन्दुवार बना ली जाए। प्रत्येक बिन्दु पर कार्य योजना स्पष्ट हो जिससे सभी विभाग अभियान को शत-प्रतिशत सफल बना सकें। मच्छरजनित बीमारियों एवं बाढ़ ग्रसित इलाकों व हॉट स्पॉट क्षेत्रों को चिन्हित कर वहाँ विशेष कार्य योजना बनाई जाए। इसके लिए शहरी क्षेत्र में नगर स्वास्थ्य अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में खंड विकास अधिकारी को हॉट स्पॉट क्षेत्रों व आउटब्रेक की जानकारी दें जिससे रेपिड रिसपोन्स टीम (आरआरटी) तत्काल पहुँचकर निरोधात्मक कार्रवाई कर सके। साथ ही सभी साफ-सफाई कर्मचारियों के छिड़काव और फोगिंग की मोनिटोरींग प्रतिदिन की जाए। इसकी समीक्षा प्रत्येक सप्ताह प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व खंड विकास अधिकारी करेंगे।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल द्वारा संचालित कार्यक्रमों प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के अंतर्गत बनाए जा रहे आयुष्मान कार्ड आदि की समीक्षा करते हुये आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी, कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी, चिकित्सालयों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह, खंड विकास अधिकारी सहित अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।